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UP Budget: ‘लाल टोपी वाले नकली समाजवादी’…वाले बयान पर ब्रजेश पाठक और शिवपाल में तीखी नोकझोंक

Brijesh Pathak

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान शुक्रवार स्वास्थ्य सेवाओं की चर्चा को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा नेता शिवपाल सिंह यादव के बीच तीखी नोकझोंक हुई। शिवपाल प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को खस्ताहाल बताने पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जमकर पलटवार किया। उन्होंने लाल टोपीवालों को नकली समाजवादी करार दिया।

दरअसल शून्य प्रहर में सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल यादव ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री बजेश पाठक और सपा सदस्य शिवपाल यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। सपा के सदस्य शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर हैं। जिला चिकित्सालयों में न तो डाक्टर हैं न ही दवाएं हैं। कोरोना काल में जो वेंटीलेटर खरीदे गए थे, वे भी खराब पड़े हैं। सपा सदस्य का कहना था कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं इस समय पूरी वेटीलेटर पर है।

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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मैंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री छापामार मंत्री बनकर रह गए हैं। उपमुख्यमंत्री जो कि स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, का अपने अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। उन्होंने भाजपा सदस्यों को सीख दी कि उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी और दीनदयाल उपाध्याय के व्यवहार और आचरण का अनुसरण करना चाहिए।

शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा वाले गमछा, टोपी-तिलक लगाते हैं, हमने कभी कमेंट नहीं किया। आपको हमारी टोपी के बारे में जानना चाहिए। समाजवाद की पहचान है। उन्होंने कहा जिला अस्पताल के गेट पर दलाल बैठे हैं, छापा मंत्रीजी ने छापे बहुत मारे, बजट आधा भी खर्च कर लिया होता तो बहुत बदल जाता।

जवाब में उपमुख्यमंत्री बजेश पाठक ने कहा कि सपा के कार्यकाल में मेडिकल कालेज पर दलालों का जमावड़ा रहता था, उनके स्वास्थ्यमंत्री के जेल जाने की नौबत आ गई थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेताओं को घेरते हुए कहा कि लाल टोपीवाले नकली समाजवादी हैं और कानून को तोड़कर अराजकता फैलाना इनका काम है। उपमुख्यमंत्री के इतना कहते ही सपा सदस्य शिवपाल यादव समेत सपा के सभी सदस्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। बाद में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के आश्वासन पर सपा सदस्य अपनी सीटों पर गए।

सपा सदस्यों के हंगामें पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि समाजवादियों में सच्चाई सुनने की हिम्मत नहीं है। सपा सरकार में स्वास्थ्य विभाग में बड़े घोटाले हुए। नर्सों की भर्ती में धांधली हुई। डाक्टरों से मिलीभगत कर उन्हें ड्यूटी पर न भेजने के लिए वसूली की जाती थी। हमने 5000 आपरेशन निशुल्क किए हैं। 1.7 लाख मरीजों का सरकारी अस्पतालों में इलाज किया गया है। भारत सरकार की एंबुलेंस सेवा को इन्होंने समाजवादी एंबुलेंस सेवा बना दिया गया था। समाजवाद से इनका कुछ लेना-देना नहीं है। लाल टोपी पहनने वाले ये नकली समाजवादी हैं। यह कानून तोड़ते हैं और प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंक दिया था। उन्होंने कहा कि सपा के वरिष्ठ सदस्य ने जैसा कहा है वैसा उन्हें सुनना भी पड़ेगा।

शून्य प्रहर में बसपा के वरिष्ठ सदस्य उमाशंकर सिंह, तथा सपा के सदस्य लालजी वर्मा ने दो घटनाओं का उल्लेख करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था का सवाल उठाया। बसपा के उमाशंकर सिंह,ने उन्नाव के असोहा थाने में एक युवती की गला रेतकर हत्या किए जाने और आरोपियों पर कार्रवाई न होने का मामला उठाया। सपा के लालजी वर्मा ने अपने क्षेत्र की घटना का जिक्र करते हुए घटना में आरोपियों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने का मामला उठाया। जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि वर्तमान सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि कानून व्यवस्था है। जिसके चलते प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी को दुबारा सरकार बनाने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा न किसी को बचाने की न ही किसी निर्दोष को फंसाने की है।

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