Brij Bhushan Singh: दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर झामुमो ने उठाए सवाल

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रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स में देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवान व अन्य खिलाड़ी जनवरी से दिल्ली में आंदोलन कर रही हैं। हाल ही में गृह मंत्री ने खिलाड़ियों से कहा था कि कानून अपना काम करेगा। तब खेल मंत्री ने कहा था कि 15 जून तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। अब दिल्ली पुलिस सांसद पर आरोप लगाने वाली महिलाओं से सबूत मांग रही है। उसने मारपीट की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी जिससे चोट के निशान दिखाई देते। क्या यौन शोषण, यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाएं वीडियो रिकॉर्डिंग कहीं रख सकती हैं?

गृह मंत्री से पूछे सवाल

भट्टाचार्य मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं के अंगों को गलत इरादे से छुआ और गले लगाया गया। इसे कैसे रिकॉर्ड करना संभव है? ऐसे में लग रहा है कि केंद्र अपने एक सांसद के जघन्य अपराध को महिमामंडित कर रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को बताना चाहिए कि कानून किस दिशा में काम कर रहा है।

भट्टाचार्य ने कहा कि सांसद बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कई खेल रत्न दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। फिर खेल मंत्री ने जांच कमेटी बनाई। इसकी रिपोर्ट नहीं आई। लोग पूछने लगे कि एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की जा रही है। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। POCSO अधिनियम लागू किया गया था, लेकिन नियम के रूप में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। उल्टे उनकी ओर से दबाव बनाकर बयान बदल दिया गया। अब यह अधिनियम भी निरस्त कर दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि 28 मई को जब प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे तो पहलवानों को घसीटा और पीटा गया। कई आपराधिक मामले दर्ज थे। जब समाज आगे आया तो गृह मंत्री ने पहलवानों को अपने पास बुलाया। कहा कि कानून अपना काम करेगा। फिर खेल मंत्री ने भी फोन किया। इस बात पर सहमति बनी थी कि 15 जून तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। लेकिन अब खबर आई है कि दिल्ली पुलिस पीड़ितों से सबूत मांग रही है।

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