Saturday, November 23, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशकेजीएमयू के आर्थोपेडिक्स विभाग में शुरू होगा बोन बैंक

केजीएमयू के आर्थोपेडिक्स विभाग में शुरू होगा बोन बैंक

Dept. of Orthopedics KGMU: केजीएमयू का आर्थापेडिक्स सर्जरी विभाग जल्द ही बोन बैंक शुरू करेगा। बोन बैंक में हड्डियों को सुरक्षित रखकर अन्य मरीजों जैसे बोन ट्यूमर वाले मरीजों, जिनकी हड्डी निकाली जाती है और गंभीर ट्रॉमा के मरीजों की क्षतिग्रस्त हड्डी प्रत्यारोपित किया जा सकेगा। विभाग की टीम ने पहले से बोन बैंक चला रहे संस्थानों से प्रशिक्षण लिया है।

केजीएमयू का ऑर्थापेडिक्स सर्जरी विभाग जल्द ही बोन बैंक शुरू करने जा रहा है। औपचारिक तैयारियां पूरी होने के साथ ही केजीएमयू के डॉक्टरों की एक टीम ने पहले से बोन बैंक चला रहे संस्थानों से प्रशिक्षण ले चुकी है। विभाग के जिम्मेदारों के अनुसार कई बार ऑपरेशन के दौरान मरीजों की हड्डी निकाली जाती है। जहां पहले निकाली गई हड्डियों को निस्तारित कर दिया जाता था, अब इन्हें निस्तारित करने की जगह बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा और जब जिस मरीज को जरूरत होग, उसे प्रत्यारोपित किया जाएगा। आर्टीफीशियल इम्प्लांट के भारी-भरकम खर्च वहन करने में असमर्थ मरीजों के लिए यह बैंक जीवनदान साबित होगा। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और उम्मीद है जल्द ही बोन बैंक शुरू हो सकेगा।

केजीएमयू के डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि बोन बैंक एक ऐसी सुविधा है, जहाँ हड्डियों को संग्रहित किया जाता है और जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध कराया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण सेवा है, जो हड्डी के कैंसर, गंभीर दुर्घटनाओं और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण हड्डी खो चुके रोगियों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है। बोन बैंक की स्थापना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में, हड्डियों को उन दाताओं से लिया जाएगा, जो अंगदान के लिए सहमति दे चुके हैं। दूसरा चरण अधिक जटिल है और इसके लिए शवों से हड्डियाँ निकालना शामिल है। हालांकि, इसके लिए अलग स्तर पर अनुमति लेनी होगी और इसकी प्रक्रिया भी अलग है।

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ऐसे रखी जाएंगी सुरक्षित

बोन बैंक में हड्डियों को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से संग्रहित किया जाता है। हड्डियों को माइनस 80 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर जमे हुए रखा जाता है, जिससे वे कई वर्षों तक सुरक्षित और व्यवहार्य रहती हैं। हड्डी प्रत्यारोपण एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन यह अक्सर सफल होती है। हड्डी प्रत्यारोपण के बाद, रोगी को कुछ समय के लिए पुनर्वास की आवश्यकता हो सकती है।

हालांकि, अधिकांश रोगी अपनी सामान्य गतिविधियों में वापस आने में सक्षम होते हैं। बोन बैंक एक महत्वपूर्ण सेवा है, जो हड्डी के कैंसर, गंभीर दुर्घटनाओं और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण हड्डी खो चुके रोगियों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है। बोन बैंक की स्थापना एक सकारात्मक कदम है, जो हड्डी प्रत्यारोपण के क्षेत्र में प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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