जालौन: कोतवाली क्षेत्र में पांच वर्ष से अधिक समय पहले एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर शव घर में ही दफना दिया था। इस मामले में बुधवार को कोर्ट ने दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोतवाली सरसौखी निवासी उर्मिला ने दिसंबर 2019 में जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी विनीता की शादी 2011 में न्यू रामनगर अजनारी रेलवे क्रॉसिंग के पास रहने वाले प्रमोद कुमार अहिरवार से हुई थी।
प्रमोद अहिरवार 2018 से अपनी बेटी विनीता से बात नहीं कर रहे हैं और यह कहकर मामले को छुपाते थे कि वे दिल्ली में साथ रह रहे हैं। उन्हें शक हो गया कि उनकी बेटी के साथ कोई घटना हो गयी है। इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट के साथ उरई कोतवाली पुलिस और सीओ को प्रमोद के घर भेजा। जहां उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इसके बाद प्रमोद ने अपनी पत्नी विनीता की हत्या की बात कबूल कर ली और पुलिस को बताया कि उसने उसकी हत्या करने के बाद शव को घर में ही दफना दिया था। पुलिस ने फर्श की खुदाई कर कंकाल बरामद किया। 4 जनवरी, 2020 को प्रमोद के खिलाफ हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
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इस मामले की पैरवी करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में दो मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया था। साथ ही अभियोजन पक्ष की ओर से सात साक्ष्य दाखिल किये गये थे। इसके बाद तीन साल तक मामले की सुनवाई चलती रही। जिला एवं सत्र न्यायाधीश लल्लू सिंह ने हत्या के मामले में पति को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनायी। 1 लाख 25 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जिला जेल भेज दिया।
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