न्यूयॉर्कः अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकनने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ म्यांमार की स्थिति पर चर्चा की, जहां 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट किया गया था।
स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ब्लिंकन ने ‘यूएस-इंडिया पार्टनरशिप की ताकत’ की पुष्टि की और उन्होंने म्यांमार की स्थिति समेत आपसी चिंता के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ब्लिंकन ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर चिंता व्यक्त की और कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर जोर डाला।
प्राइस ने कहा कि जयशंकर और ब्लिंकेन ने ‘इंडो-पैसिफिक में अमेरिका-भारत सहयोग के मूल्य’ सहित क्षेत्रीय विकासों पर भी चर्चा की।’ बातचीत के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा, “मंत्री ब्लिंकेन के साथ आज हुई व्यापक चर्चा का स्वागत करता हूं। इंडो-पैसिफिक घटनाक्रम और क्वाड सहयोग की समीक्षा की। म्यांमार की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। संपर्क में बने रहने के लिए हम उत्सुक हैं।”
मंगलवार को जयशंकर के साथ ब्लिंकन की दूसरी वार्ता थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बाइडेन की बातचीत में भी म्यांमार की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी। दोनों नेताओं की बातचीत के बाद व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता जताई और कहा कि म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को निश्चित ही बहाल किया जाना चाहिए।
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बाइडेन ने म्यांमार पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की धमकी दी है। म्यांमार में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो रही थीं, जिस वजह से अमेरिका ने वहां से प्रतिबंध हटा लिया था। अब तख्तापलट के बाद बाइडेन ने प्रतिबंध हटाने के निर्णय पर तत्काल समीक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है।