Saturday, November 16, 2024
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भाजपा की नीयत साफ नहीं, सावधान रहें देश की महिलाएं.., Women Reservation Bill पर बोलीं मायावती

mayawati

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह संविधान संशोधन विधेयक वास्तव में महिलाओं को आरक्षण देने के स्पष्ट इरादे से नहीं लाया गया है। इसकी आड़ में वे सिर्फ वोट पाने के लिए अपने स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं और कुछ नहीं।

मंगलवार को नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश होने से कुछ देर पहले मायावती ने कहा कि मैंने इस आने वाले बिल को लेकर संभावनाओं के आधार पर जो भी शंकाएं व्यक्त की थीं, उनमें से कई बातें इस बिल के पेश होने के साथ ही सही साबित हुए। क्योंकि महिला आरक्षण से संबंधित संविधान के 128वें संशोधन विधेयक 2023 के तहत देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने के लिए कुछ इस प्रकार प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत देश की महिलाओं को अगले 15-16 साल तक यह आरक्षण नहीं मिल पाएगा।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसे जो प्राविधान रखे गये है उनका मैं यहां उल्लेख करना बहुत जरूरी समझती हूँ। इस संशोधन के तहत इस महिला आरक्षण विधेयक के पास होने के बाद पहले पूरे देश में जनगणना कराई जायेगी। जब यह जनगणना पूरी हो जायेगी तब उसके बाद ही पूरे देश में लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं का परिसीमन पुनः कराया जायेगा और उसके बाद ही तब यह महिला आरक्षण सम्बन्धी संशोधन विधेयक लागू होगा। जबकि यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि देशभर में नये सिरे से जनगणना कराने में अनेकों वर्ष लग जाते हैं। पिछली जनगणना सन 2011 में प्रकाशित हुई थी, जिसके बाद आज तक दोबारा जनगणना नहीं हो सकी है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसी स्थिति में संविधान संशोधन के पश्चात इस नई जनगणना में, जिसमें अनेकों वर्ष लग जायेंगे तब फिर उसके बाद ही फिर पूरे देश में परिसीमन का कार्य शुरू किया जायेगा। जिसमें भी अनेकों वर्ष लग जायेंगे और इस परिसीमन के पश्चात ही तब फिर यह महिला आरक्षण विधेयक लागू होगा, जबकि 128वें संशोधन विधेयक की सीमा ही 15 वर्ष रखी गई है। इस प्रकार से यह स्पष्ट है कि यह संविधान संशोधन विधेयक वास्तव में महिलाओं को आरक्षण देने की साफ नीयत से नहीं लाया गया है। बल्कि आने वाली विधानसभाओं तथा लोकसभा के चुनावों में देश की भोली-भाली महिलाओें को यह प्रलोभन देकर व उनकी आँखों में धूल झोंक कर उनका वोट हासिल करने की नीयत से ही लाया गया है। इसके सिवाय कुछ भी नहीं है।

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बसपा मुखिया ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि इन वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण दिये जाने के मामले में पूर्व में केन्द्र की रही कांग्रेस सरकार द्वारा लाये गये बिल में भी इसकी व्यवस्था नहीं की गई थी। जिसके कारण उस दौरान भी यह बिल पास नहीं हो सका था, लेकिन अपने राजनैतिक लाभ के लिए अब इस पार्टी के भी नेता यानि की कांग्रेस पार्टी के भी नेता इन वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण दिये जाने की वकालत कर रहे हैं।

मायावती ने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि देश की महिलाओं को लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में इनको आरक्षण देने के मामले में भाजपा (BJP) व कांग्रेस (Congress) पार्टी एण्ड कम्पनी के लोगों की पूरे तौर से नीयत साफ नहीं है। और ये सभी पार्टियां इसकी आड़ में केवल इनका वोट हासिल करने के लिए अपने-अपने स्वार्थ की राजनीति कर रहे है और कुछ भी नहीं है। इसलिए देश की महिलाएं ऐसी सभी पार्टियों से जरूर सावधान रहें, जिनसे इन्हें कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।

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