नई दिल्लीः बहुचर्चित धारावाहिक ‘रामायण’ में भगवान श्रीराम के अभिनय से हर इंसान के दिल में भगवान स्वरूप छवि बनाने वाले अरूण गोविल को किसी पहचान की जरूरत नही है। रामानंद सागर द्वारा बनाया गया धारावाहिक ‘रामायण’ ने अरूण गोविल की जिंदगी ही बदल दी थी। अरूण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ में हुआ। उनकी शुरूआती शिक्षा-दीक्षा मेरठ यूनिवर्सिटी से हुई और इसके बाद वह मुंबई में नौकरी की तलाश में आ गये। लेकिन यहां आते ही उन्होंने अभिनय की दुनिया में अपनी पहचान बनाने की कवायद शुरू कर दी है और वह इसके लिए मेहनत करने लगे।
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शुरूआत में अरूण गोविल ने कई फिल्मों में साइड हीरो का काम किया। लेकिन पहली बार उन्हें राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘सावन को आने दो’ में लीड हीरो का रोल मिला। यह फिल्म काफी सफल रही। इसके फिल्म की सफलता से ही अरूण गोविल का फिल्मी करियर शुरू हो गया। लेकिन टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘विक्रम और बेताल’ में उनके अभिनय ने एक उनकी एक पहचान बना दी।
रामानंद सागर जब धारावाहिक रामायण के लिए भगवान श्रीराम की तलाश कर रहे थे। तब अरूण गोविल ने कई स्क्रीन टेस्ट दिये। इसके बाद उन्हें यह कहा गया कि उन्हें लक्ष्मण या भरत का रोल मिल सकता है। लेकिन बाद में सेलेक्शन टीम ने उन्हें भगवान श्रीराम के किरदार के लिए पसंद किया। अरूण गोविल ने धारावाहिक रामायण में अरूण गोविल का किरदार बखूबी निभाया भी। उन्हें हर कोई भगवान श्रीराम ही मानने लगा था। बीते साल लाकडाउन में दूरदर्षन ने एक बार फिर धारावाहिक रामायण को प्रसारित किया। जिसने एक बार फिर टीआरपी के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिये।