भारत को कई बार प्रभावित कर चुका है बर्ड फ्लू, जानें क्या है इसकी वजह

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नई दिल्ली। बर्ड फ्लू से अब तक देश के सात राज्य प्रभावित हो चुके है। इन राज्यों में बचाव व राहत के लिए बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी कर दिया गया है। कोरोना वायरस से जंग अभी जारी ही है कि अब बर्ड फ्लू ने भी मुसीबते बढ़ानी शुरू कर दी है। बर्ड फ्लू से अब तक कई पक्षियों की मौत हो चुकी है। हालांकि अभी तक इस वायरस से किसी इंसान के प्रभावित होने की खबर नही है। अगर इंसान किसी ऐसे पक्षी के संपर्क में आए जो इस वायरस से संक्रमित हो तो उन्हें बर्ड फ्लू हो सकता है।

आमतौर पर बर्ड फ्लू एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता। यदि लोग मांस या अंडे को अच्छी तरह पका कर खायें तो उन्हें इस वायरस का खतरा नही होगा। क्योंकि यह गर्म तापमान को सहन नही कर सकता। इसलिए यदि मांस को एक निश्चित तापमान पर पकाया जाए तो यह वायरस मर जाता है। लेकिन यदि फिर भी कोई इंसान इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उन्हें लगातार कफ रहना, नाक बहना, सिर में दर्द रहना, गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, हर वक्त उल्टी या मतली का महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सांस लेने में समस्या, कंजंक्टिवाइटिस की समस्या होती है। जिसका शीघ्र उपचार कराना बेहद आवष्यक होता है।

बर्ड फ्लू के पक्षियों में फैलने के कई कारण हो सकते हैं। पानी के पक्षी बत्तख और गीज प्राकृतिक तौर पर ही बर्ड फ्लू (इन्फ्लुएंजा-ए वायरस) कैरी करते हैं। कई पक्षियों के शरीर में ये फ्लू मौजूद होता है लेकिन वे इससे बीमार नहीं पड़ते और मल के जरिए वायरस को शरीर से निकाल देते हैं। क्योंकि पक्षी उड़ते समय भी मलत्याग करते हैं, इसलिए इंफ्लुएंजा वायरस दुनियाभर में आसानी से फैलने लगता है।

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खासतौर पर लंबा सफर तय करने वाले प्रवासी पक्षी फ्लू को अपने साथ ले जाते हैं जिससे ये पोल्ट्री और स्थानीय पक्षियों तक फैल जाता है। कई बार ये वायरस सुअर, घोड़े, बिल्ली और कुत्तों में भी फैल जाता है। देश में बर्ड फ्लू पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि ये कई बार पोल्ट्री को प्रभावित करता आया है। इस संक्रमण को रोकने के लिए फ्लू से संक्रमित पक्षियों को मारा जाता है।