पटनाः बिहार के बहरा जिला कृषि पदाधिकारी ने शुक्रवार को बताया है कि खेत में धान की खूंटी (पराली) जलाने के मामले में मैनाटांड़ प्रखंड अंतर्गत जबदी ग्राम के तीन किसान, हरख महतो,नन्दकिशोर कुशवाहा, मंजूर मियां, पिता-सिकईत मियां के विरुद्ध विभागीय दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्रवाई की गयी है। तीनों किसान का पंजीकरण रद्द करते हुए कृषि विभाग ने संचालित, क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के लाभ से अगले तीन साल तक वंचित कर दिया है।
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ठकराहां प्रखंड अंतर्गत कोईरपट्टी पंचायत के किसान रामअशीष चौधरी, पिता-चरित्र मलाह को चेतावनी दी गयी है और उन्हें फसल अवशेष नहीं जलाने हेतु जागरूक एवं प्रेरित किया गया है। बैठक में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि कृषक फसलों के अवशेष (पुआल, खूंटी आदि) को खेतों में जला देते हैं, ऐसा करने से मिट्टी एवं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है, जिसके कारण मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन जो पहले से ही हमारी मिट्टी में कम है और भी जलकर नष्ट हो जाता है। इसके फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है एवं जलवायु परिवर्तन का कारण बनता है।
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