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कालेधन पर भारत को मिली बड़ी सफलता, स्विस बैंक ने सौंपी तीसरी सूची

नई दिल्ली: कालेधन के खिलाफ जंग में सरकार को बड़ी सफलता मिली है। स्विट्जरलैंड ने भारत को इस महीने सूचना के स्वत: आदान-प्रदान समझौते के तहत अपने नागरिकों के स्विस बैंक खाते के विवरण की तीसरी सूची सौंप दी है। स्विट्जरलैंड ने इसके तहत 96 देशों के साथ लगभग 33 लाख वित्तीय खातों की जानकारियों को शेयर किया है।

स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान में 10 और देशों को शामिल किया गया है। इनमें एंटीगुआ और बारबुडा, अजरबैजान, डोमिनिका, घाना, लेबनान, मकाऊ, पाकिस्तान, कतर, समोआ और वुआतू देशों के नाम शामिल हैं। स्विट्जरलैंड ने 70 देशों के साथ पारस्परिक सूचना का आदान-प्रदान किया है, जबकि 26 देशों के मामले में कोई जानकारी नहीं दी है।

एफटीए ने सभी 96 देशों के नामों और ज्यादा विवरण का खुलासा नहीं किया। अधिकारियों ने कहा कि भारत उन देशों में शामिल है, जिन्हें लगातार तीसरे वर्ष यह सूचना मिली है। भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में स्विस वित्तीय संस्थानों में स्थित व्यक्तियों और कंपनियों के खाते से संबंधित हैं। एफटीए ने सूचना का यह आदान-प्रदान पिछले महीने किया था, जिसकी सूचना का अगला सेट स्विट्जरलैंड सितंबर 2022 में साझा करेगा।

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उल्लेखनीय है कि भारत को सितंबर 2019 में सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) के तहत स्विट्जरलैंड से पहली सूची मिली थी। उस वर्ष ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में वह शामिल था। इससे पहले अक्टूबर, 2020 में स्विटजरलैंड ने 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों की जानकारी दी थी, जिसमें भारत भी शामिल था। एईओआई के तहत स्विटजरलैंट से मिले स्विस बैंक खाते के विवरण में खाताधारकों की पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी, साथ ही संबंधित वित्तीय संस्थान, खाता शेष और पूंजीगत आय से संबंधित जानकारी आदि शामिल है।

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