भिवानी: हरियाणा राज्य सूचना आयोग के समक्ष अब भी 30,583 केस सुनवाई के लिए लंबित हैं। राज्य सूचना आयोग के गठन से लेकर अब तक एक लाख 36,934 केस आए हैं, इनमें से 1,06,351 केसों की सुनवाई के उपरांत बंद किया जा चुका है। ये खुलासा आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना में हुआ है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा राज्य सूचना आयोग से आरटीआई के तहत सुनवाई किए गए व लंबित केसों से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जिसमें ये तथ्य उजागर हुए।
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि हरियाणा राज्य सूचना आयोग के समक्ष पिछले तीन साल से भी अधिकांश केसों की सुनवाई लंबित चलती आ रही है। जिस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है वहीं राज्य सूचना आयोग अपने ही फैसलों को लागू कराने में भी विफल रहा है। हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई में मांगी गई जानकारी का जवाब देते हुए बताया कि 2005 में जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आयोग का गठन किया गया था। तब से लेकर अब तक आयोग के समक्ष 1,36,934 केस सुनवाई के लिए आए हैं। जिनमें 10, 6351 सुनवाई के बाद बंद हो चुके हैं। जबकि लंबित केसों का आंकड़ा 30,583 पहुंच गया है।
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बृजपाल परमार का कहना है कि एक दिन में आयोग दस केसों से ज्यादा की सुनवाई नहीं करते, जबकि हाई कोर्ट में भी एक ही दिन में इससे तीन गुणा अधिक केसों की सुनवाई हो जाती है। राज्य सूचना आयोग के समक्ष लंबित केसों की वजह से समय पर भ्रष्टाचार व जनहित के कार्यों के लिए की गई शिकायतों पर भी निपटान नहीं हो पा रहा है। उनका आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार की शिकायतों को भी सूचना आयोग दरकिनार कर रहा है। बृजपाल परमार ने बताया कि अंडर सेक्शन 18(2) के तहत 10404 मामले आयोग के समक्ष आए, सुनवाई 7097 की हुई और लंबित 3307 केस हैं। अंडर सेक्शन 20 के तहत 23,104 मामले आए, 20,696 केसों पर सुनवाई हुई। 2408 केस लंबित हैं।