इंदौर: शहर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में सोमवार रात हुई आगजनी की घटना में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। राजेंद्र नगर पुलिस ने इस मामले में मंगलवार सुबह खुलासा करते हुए बच्चियों की बुआ बरखा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार बच्चों की बुआ ने ही गुस्से में झोपड़ी में आग लगाई थी। उसको पता था कि बच्चे झोपड़ी के अंदर सो रहे है। आरोपिता ने झोपड़ी में आग लगाना स्वीकार कर लिया है।
जानकारी अनुसार मूलत: बड़वानी निवारी सोनू मेडा अपनी पत्नी ममता और दो बेटियों मुस्कान (5) और नंदू (3) के साथ चोइथराम मंडी के पास प्रकाश नगर में रहता था। वो मजदूरी करते हैं। सोनू की झोपड़ी के आसपास ही उसके रिश्तेदारों की भी झोपड़ी हैं। सोमवार रात सोनू की दो बच्चियां झोपड़ी में सो रही थी। इस दौरान एक महिला ने उसकी झोपड़ी में आग लगी देखी तो वह जोर से चिल्लाई। आवाज सुन आसपास के रिश्तेदार आ गए और आग बुझाने का प्रयास करने लगे। इस बीच झोपड़ी पूरी तरह से जल गई और दोनों बच्चियां जिंदा जल गई। यह देख मां और पिता ने बच्चियों को इस हालत में देखा तो वे सुध बुध खो बैठे।
घटना के बाद पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र, उपायुक्त जोन-1 अमित तोलानी मौके पर पहुंचे। पुलिस मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंची और फॉरेंसिक अफसरों की मदद से जांच की।
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राजेंद्र नगर थाना प्रभारी मनीष डावर ने बताया कि रात में ही पुलिस ने बरखा को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी शुरू कर दी थी। कुछ समय से वह भाई सुनील के पास ही रहने आ गई थी। बरखा अपने पति को छोड़कर दो साल से प्रेमी कमल के साथ रह रही थी। कमल से विवाद होने के कारण कुछ समय से उसका विनय नामक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। सोमवार शाम पूर्व प्रेमी कमल ने उसे विनय से बात करते हुए देखा तो दोनों में कहासुनी हुई। विनय और कमल के जाने के बाद बरखा ने गुस्से में भाई सुनील की झोपड़ी में आग लगा दी।
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