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भैयाजी जोशी ने कहा- जाति के आधार पर भेदभाव करना सबसे बड़ा अपराध

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जयपुर: देश में जाति जनगणना पर चर्चा के बीच शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उर्फ ​​भैयाजी का बड़ा बयान सामने आया। भैयाजी जोशी ने समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर किसी को छोटा या बड़ा मानने से बड़ा अपराध और क्या हो सकता है? किसी को छोटा या बड़ा, ऊंचा या नीच मानने का अधिकार किसने दिया।

जन्म के आधार पर कोई विभाजित नहीं कर सकता

जब गलत भावनाएं व्यापक रूप में फैलती हैं तो वह विकराल रूप ले लेती हैं। दुर्भाग्य से भारत में जाति विरोध की खाई को मिटाने के लिए प्रयास करने होंगे। भैयाजी ने ये बातें जयपुर में संघ के विजयादशमी उत्सव और पथ संचलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। भैयाजी जोशी ने कहा कि जातियां जन्म के आधार पर तय होती हैं। हमें अपना नाम, अपनी भाषा, भगवान, धार्मिक ग्रंथ मिलते हैं। हम कई तरह के महापुरुषों के वंशज कहलाते हैं, क्या यह किसी एक जाति के कारण है? क्या कोई बता सकता है कि हरिद्वार किस जाति का है, क्या हमारे 12 ज्योतिर्लिंग किसी जाति के हैं, क्या इस देश के कोने-कोने में स्थापित 51 शक्तिपीठ किसी जाति के हैं। इस देश की चारों दिशाओं में रहने वाला कोई भी व्यक्ति जो अपने आप को हिंदू मानता है, वह इन सभी चीजों को अपना मानता है। फिर अंतर कहां है?

उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य की सीमाएं हमारे बीच कोई विभाजन पैदा नहीं कर सकतीं, उसी तरह जन्म के आधार पर चीजें हमें विभाजित नहीं कर सकतीं। अगर कोई गलत धारणा है, तो उसे बदलना चाहिए। अगर कोई भ्रम या बेकार का अहंकार है, तो उसे खत्म करना होगा और हमें यह समझना होगा कि हम सभी एक समाज का हिस्सा हैं।

देशभक्ति की भावना से ही आगे बढ़ना संभव

संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री लोकल के लिए वोकल होने की बात करते हैं। आज जाने-अनजाने में हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ग्राहक बन गए हैं। दुनिया के दूसरे देश भारत को बाजार समझते हैं। क्या भारत ऐसा ही रहेगा या अपने पैरों पर खड़ा होगा और अपनी पहचान बनाएगा। मेरा मानना ​​है कि देशभक्ति की भावना के साथ आम लोगों को खड़ा होना चाहिए और अपने आचरण के प्रति सचेत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हमें नागरिक के तौर पर अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने की जरूरत है।

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देश के प्रति सभी को लेना चाहिए संकल्प

दुनिया में कहीं भी देश को स्वच्छ रखने के लिए विज्ञापन या आह्वान नहीं होते। वहां आम आदमी जागरूक रहता है और अपने परिसर और अपनी जगह को साफ रखता है। यहां स्वच्छ भारत के लिए अभियान चलाना पड़ता है। तब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा याद आता है कि जिस दिन इस देश का हर व्यक्ति यह संकल्प ले लेगा कि वह गंदगी नहीं करेगा, स्वच्छ होने में कितना समय लगेगा। उन्होंने कहा कि देश में चुनाव होते हैं, संविधान ने हमें वोट देने का अधिकार दिया है। भारत में पढ़े-लिखे लोग हैं, फिर देश में शत-प्रतिशत मतदान क्यों नहीं होता। जबकि मतदान हर व्यक्ति का अधिकार है।

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