Friday, November 8, 2024
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लखनऊ के किसान भी अब बनेंगे समृद्ध, मोटे अनाज की खेती के लिए किया जा रहा प्रोत्साहित

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लखनऊः प्रदेश में जायद-खरीफ फसलों तथा मोटे अनाज के लिए सरकार काम कर रही है और किसानों को इस तरफ आकर्षित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। कृषि वैज्ञानिक लखनऊ जिले में इन्हीं फसलों के जरिए अब किसानों को समृद्ध बनाने के लिए नई-नई रणनीति बना रहे हैं।

शहर में सरसों, चना एवं मसूर खरीदने की अच्छी-खासी खपत है। इसकी खरीद के लिए बाहरी इलाकों में स्थापित किए जा रहे क्रय केंद्रों में पुरजोर कोशिश भी की जा रही है। जिस गति से काम किया जा रहा है, उससे किसान भी उत्साहित हैं। मोटे अनाज के प्रति उपेक्षा के कारण ही किसानों का इससे मोहभंग हो चला था। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के समस्त पात्र किसानों के संतृप्तीकरण का महाभियान भी 10 मई से 31 मई तक चलाया जाएगा। इस दौरान किसान सीधे अधिकारियों और वैज्ञानिकों के संपर्क में रहेंगे। किसानों तक पहुंचने वाली सभी जानकारियों की माॅनीटरिंग लखनऊ में उद्यान विभाग और कृषि निदेशालय के बड़े अधिकारी तो कर ही रहे हैं, मलिहाबाद और बख्शी का तालाब में वैज्ञानिक भी तेजी से काम कर रहे हैं।

कृषि विभाग प्रत्येक विकास खंड के 05 उत्कृष्ट कृषि उत्पादन करने वाले किसानों का भी मनोबल बढ़ा रहा है। यही नहीं, इन किसानों को आदर्श मानते हुए उनके अनुभवों को भी शामिल किया जा रहा है। यह पहला वित्तीय वर्ष है, जबकि बड़ी जागरूकता के साथ मोटे बनाज को बढ़ावा मिल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स ईयर होने का भी किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। कृषि निदेशालय ने कृषकों को उनके फसल उत्पाद का लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए 01 अप्रैल से रबी सीजन में एमएसपी पर सरसों, चना एवं मसूर के क्रय केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसमें 3.94 लाख मीट्रिक टन सरसों और तोरिया, 2.12 लाख मीट्रिक टन चना एवं 1.49 लाख मीट्रिक टन मसूर क्रय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें सरसों 5450 प्रति क्विंटल, चना 5335 एवं मसूर 6,000 रूपए प्रति क्विंटल की दरें स्वीकृत की गई हैं। जायद सीजन में ज्वार, बाजरा एवं मक्का के आच्छादन पर भी अभी से तैयारी की जा रही है। संकर बीजों पर 15,000 रूपए प्रति क्विंटल का अनुदान एवं अधिकतम 50 प्रतिशत की धनराशि तय की गई है।

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चार फसलों का होगा चयन –

कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए प्रत्येक विकास खण्ड के चार प्रमुख फसलों का चयन किया जाएगा। साल 2019-20 से 03 वर्ष की औसत उत्पादकता को ध्यान में रखकर उत्पादन कराया जाएगा। चयनित पांच किसानों को प्रचार-प्रसार के लिए जोड़ा जाएगा तथा कृषि गोष्ठियों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाउगी। उनके द्वारा कौन सी तकनीक, बीज प्रबंधन, फसल प्रबंधन और किस विधा से खेती की उच्च उत्पादकता प्राप्त कर रहे हैं उसको अन्य किसानों के बीच में रखा जाएगा।

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