मौनी अमावस्या के दिन स्नान कर दान देने से बना रहता है पितरों का आशीर्वाद

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नई दिल्लीः मौनी अमावस्या के दिन सुबह से ही भारी संख्या में लोग पवित्र संगम पर आस्था की डुबकी लगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साल मौनी अमावस्या 11 फरवरी को गुरूवार के दिन पड़ी है। इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान, तप आदि करने से पितृ ऋण से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी बना रहता है।

मौनी अमावस्या के दिन स्नान कर गंगाजल से घर के चारों तरफ छिड़काव करने से वास्तुदोष भी दूर हो जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी बढ़ता है। मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी को 1 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी की रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। हिंदू धार्मिक कथाओं के मुताबिक ऋषि मनु का जन्म आज के ही दिन हुआ था। इसलिए उन्हीं के नाम मनु से मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई। इसलिए इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए। चूंकि इस बार मौनी अमावस्या गुरूवार के दिन है तो फिर आप स्नान के बाद पीले रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं।

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स्नानादि के बाद भगवान सूर्य को जल में काले तिल डालकर अर्घ्य चढ़ाना चाहिए। इसके बाद भगवान सूर्य के जाप और मंत्रों का उच्चारण भी करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और पितर भी प्रसन्न होते हैं। मौनी अमावस्या के दिन काले तिल, तिल के लड्डू, वस्त्र, आंवला और गाय दान देना विषेष शुभ फलदायक होता है।