हिसार : सरसों की सरकारी खरीद पर व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार जानबूझकर देरी की है। इससे सरकार अब तक किसानों से 20 फीसदी सरसों भी नहीं खरीद सकी है।
बजरंग दास गर्ग शुक्रवार को अनाज मंडी में व्यापारियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में खाद्यान्न की धीमी उठान और सरसों की सरकारी खरीद पर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि सरसों का एमएसपी 5450 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद किसान अपनी सरसों खुले बाजार में 4500 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं, जबकि सरकार पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। सरकार का पोर्टल काम नहीं करने के कारण कई किसानों की सरसों का पोर्टल पर पंजीकरण तक नहीं हो पाया है।
हरियाणा में करीब 14 लाख टन सरसों का उत्पादन हो चुका है, जबकि सरकारी एजेंसियों ने अभी तक 20 फीसदी सरसों की खरीद भी नहीं की है, जिससे किसानों में भारी आक्रोश है। किसान अपनी सरसों बेचने के लिए मंडियों में धक्का-मुक्की कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दावा कर रहे हैं कि किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और 48 घंटे में अनाज उठाने और 72 घंटे में किसान को भुगतान करने के सभी दावे विफल साबित हुए हैं, न ही 48 में अनाज उठाया जाए। न ही 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें-भारत-चीन बैठकः राजनाथ सिंह ने नहीं मिलाया चीनी रक्षा मंत्री से हाथ, गलवान में हुई हिंसा…
बजरंग गर्ग ने कहा कि राज्य के आढ़तियों और किसानों के कड़े विरोध के बाद हरियाणा सरकार ने सरसों की सरकारी खरीद की तारीख 10 मई तक बढ़ा दी है, जो 28 अप्रैल तक की जानी थी. उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश से किसान पहले से ही बर्बादी के कगार पर है। ऊपर से सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा से किसान काफी परेशान है। इस अवसर पर अनाज मंडी जिलाध्यक्ष पवन गर्ग, हिसार अनाज मंडी प्रधान रामावतार गोयल, खल छुरी एसोसिएशन प्रधान त्रिलोक कंसल, पूर्व प्रधान संजय गोयल, उप प्रधान जगदीश गोदारा, संजय नागपाल, बजरंग असरवान, अग्रवाल संगठन के जिला महासचिव सत्य प्रकाश आर्य , व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव निरंजन गोयल, चिकित्सालय प्रमुख अनिल जैन आदि व्यापार प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)