Uttrakhand Weather Update: दरकते पहाड़, उफनती नदियां और हादसों की आहट… उत्तराखंड में इन दिनों भयावह मंजर दिख रहा है। यहां भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग का जहां रेड अलर्ट है तो सरकार भी आपदा के दृष्टिगत हाई अलर्ट मोड पर है। वहीं इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।
बता दें, इन दिनों पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ता जा रहा है। बारिश के बीच पहाड़ दरक रहे हैं, जो लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं। वैसे तो उत्तराखंड में बारिश के मौसम में पहाड़ों का दरकना कोई बड़ी बात नहीं है। यहां रह रहे लोग भले ही इसके आदी हो गए हों, लेकिन बाहरी लोगों के लिए यह मंजर डरा देने वाला है। इन दिनों चारधाम यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही भारी बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने पहले से ही लोगों को आगाह कर दिया है, ताकि वह सुरक्षित रह सकें।
चारधाम यात्रियों को दी गई सलाह
बता दें, मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बारिश के दौरान यात्रा न करने की सलाह दी है। साथ ही मौसम विभाग ने कहा है कि, जब तक बारिश थम न जाए, आगे की यात्रा न करें। यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वह जहां हैं, वहीं पर रहें। किसी भी दशा में आगे बढ़ना खतरे से खाली नहीं है।
सीएम धामी ने दिए निर्देश
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही भारी बारिश के चलते संभावित आपदाओं के दृष्टिगत लोगों से भी सावधानी बरतने व सुरक्षित स्थलों पर रहने की अपील की है। बता दें, उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन लोगों को नदियों और नालों के पास नहीं जाने की हिदायत दे रहा है। साथ ही नदियों के किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
बिगड़े मौसम ने चारधाम यात्रा में डाली रुकावट
उत्तराखंड में मौसम के बिगड़े मिजाज ने चारधाम यात्रा में भारी रुकावट डाल दी है। 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। इसके बाद 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो गई थी, लेकिन दो महिने भी नहीं बीते और मौसम की मार के आगे चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासन के सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए।
राज्य की कई सड़कों पर आवागमन ठप
दरअसल, लैंडस्लाइड होने से हर साल ही पहाड़ों के लोगों के लिए बड़ा खतरा होता है। बारिश का मौसम शुरू होते ही पहाड़ दरककर गिरने लगते हैं और संकरे रास्तों को पूरी तरह से जाम कर देते हैं, जिसकी वजह से कई बार आगे जाना मुश्किल हो जाता है। कई बार सामने से आ रहे वाहन अचानक इसकी चपेट में आ जाते हैं और बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। जिसको देखते हुए इस समय राज्य की कई सड़कों पर आवागमन पर रोक लगा दी गई है।
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चारधाम यात्रियों से अपील, जहां हैं वहीं रुके
गढ़वाल मंडलायुक्त व चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन ऋषिकेश अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय ने बताया कि, मौसम विभाग के अनुसार सात एवं आठ जुलाई को गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों में भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में चारधाम यात्रियों से अपील की है कि, वे सात जुलाई को ऋषिकेश से आगे चारधाम की यात्रा प्रारम्भ न करें। जो तीर्थयात्री जिस जगह पर यात्रा के लिए पहुंच गए हैं, वे भारी बारिश की संभावना के दृष्टिगत उसी स्थान पर विश्राम करें।