रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष मामले को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई 30 अगस्त को होगी। झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कहा कि बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम नहीं दिया है।
इस पर बीजेपी की ओर से कहा गया कि नेता प्रतिपक्ष के लिए बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) का नाम पहले ही दिया जा चुका है। इस पर कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) की ओर से कहा गया कि बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) जेवीएम पार्टी से जीते थे, अभी उनके बीजेपी में विलय को लेकर विधानसभा स्पीकर ने कोई फैसला नहीं लिया है। नेता प्रतिपक्ष के लिए ऐसे व्यक्ति का नाम दिया जाए, जो बीजेपी के सिंबल से लड़ा हो और जीता हो। उच्च न्यायालय विधान सभा के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
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विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) और हाईकोर्ट के वकील अनिल कुमार ने पक्ष रखा। भाजपा की ओर से कुमार हर्ष ने पैरवी की। राजकुमार की ओर से अभय मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता बीपी सिंह उपस्थित हुए। इससे पहले विधानसभा सचिव ने झारखंड हाई कोर्ट में दो बिंदुओं पर हलफनामा दायर कर कहा था कि हाई कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र के तहत स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता है। उच्च न्यायालय भवन के व्यवसाय में प्रवेश नहीं कर सकता। संविधान के अनुच्छेद 212 के तहत उच्च न्यायालय विधान सभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। उनके पास विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने का अधिकार नहीं है।
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