Ayodhya: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बीच आज मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के अवसर पर राम नगरी अयोध्या में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुट रहे हैं और सरयू नदी में पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। मौनी अमावस्या पर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इसे देखते हुए मंदिर के आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने इसे लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां की है।
Ayodhya में भारी संख्या में फोर्स तैनात
श्री राम जन्मभूमि के एसपी (सुरक्षा) बलरामचारी दुबे ने बताया कि महाकुंभ के चलते अयोध्या आने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसे देखते हुए भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि सभी प्रशासनिक अधिकारी भ्रमण पर हैं। परिसर की अच्छे से बैरिकेडिंग की गई है। दर्शनार्थियों को कतार में चलने के लिए कहा जा रहा है। वे अपना सामान पीएफसी में जमा करें, फिर उन्हें दर्शन कराए जा रहे हैं। प्रवेश और निकास के रास्ते अलग-अलग हैं, ताकि भीड़ एकत्र न हो। जो भी एहतियात संभव है, वह बरती जा रही है। आने वाले सभी श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं।
राम मंदिर में उम्मीद से ज्यादा पहुंचे श्रद्धालु
गौरतलब है कि रविवार को अयोध्या के राम मंदिर में उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, जिसके चलते निकास मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा। वहीं, अयोध्या की मुख्य सड़कों पर लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए ट्रस्ट को अपील करनी पड़ी। प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने के साथ ही अयोध्या में उमड़ने वाली लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने आसपास के जिलों में रहने वाले लोगों से 15-20 दिन बाद आकर दर्शन करने की अपील की है।
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ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने लोगों की ये अपील
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से की गई अपील में कहा गया है कि पिछले तीन दिनों से अयोध्या जी में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अयोध्या धाम की आबादी और आकार को देखते हुए कहा जा सकता है कि एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराना काफी कठिन है और इस वजह से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हमारा अनुरोध है कि आस-पड़ोस के श्रद्धालु 15-20 दिन बाद अयोध्या जी में दर्शन के लिए आएं, ताकि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ भगवान के दर्शन हो सकें। इससे सभी को सुविधा होगी। वसंत पंचमी के बाद फरवरी माह में काफी राहत मिलेगी और मौसम भी अच्छा हो जाएगा।