Atul Subhash Suicide Case : बेंगलुरु पुलिस ने AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania) को गुरुग्राम से और मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार किया है। तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
Atul Subhash Suicide Case: पत्नी और ससुराल वालों उत्पीड़न का आरोप
दरअसल अतुल ने 24 पन्नों के अपने सुसाइड नोट में पत्नी निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था। अतुल के वीडियो और सुसाइड नोट के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने निकिता और उसके परिवार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNC) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया।
बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में निकिता सिंघानिया, मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया को आरोपी बनाया है। शुक्रवार को बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया के जौनपुर स्थित घर पर नोटिस चिपकाया था। तीन दिन में बयान दर्ज करने को कहा गया था। जबकि निकिता सिंघानिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। साथ ही सिंघानिया परिवार ने कोर्ट में अपने वकीलों का पैनल नियुक्त किया था।
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Atul Subhash ने लगाए थे ये आरोप
बता दें, आत्महत्या (suicide) करने से पहले अतुल ने 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट जारी कर अपनी पत्नी और उसके परिवार पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने सिंघानिया पर मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था। अतुल (Atul Subhash) ने निकिता पर उनके खिलाफ कई फर्जी मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया था। बाद में निकिता सिंघानिया ने सीजेएम कोर्ट में तलाक का केस और हत्या, मारपीट और अप्राकृतिक यौनाचार का केस वापस ले लिया था।
Atul Subhash Suicide Case: आरोप साबित होने पर क्या होगी सजा
अतुल सुभाष सुसाइड केस में बेंगलुरु पुलिस ने बीएनएस (BNC) की धारा 108 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। धारा 3(5) कहती है कि जब कई लोग एक ही इरादे से कोई अपराध करते हैं तो उसके लिए सभी बराबर जिम्मेदार होते हैं। धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने पर लगाई जाती है। अगर कोई व्यक्ति किसी को आत्महत्या के लिए उकसाता है तो दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान है।
कैसे साबित होगा आरोप
वैसे तो अतुल सुभाष (Atul Subhash Suicide Case) ने वीडियो और सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार पत्नी निकिता (Nikita Singhania) और ससुराल वालों को ठहराया है। इसी आधार पर केस दर्ज किया गया है। लेकिन अब अतुल के परिवार को यह साबित करना होगा कि निकिता और ससुराल वालों ने उसे परेशान किया था, जिसकी वजह से उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।
दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ऐसे ही एक मामले में अहम टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उत्पीड़न को आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं कहा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी तभी पाया जा सकता है, जब इसके पुख्ता सबूत हों। सिर्फ उत्पीड़न का आरोप लगाना ही काफी नहीं है।
Atul Subhash Suicide Case: सुभाष के खिलाफ चल रहे तीन केस
Atul Subhash के खिलाफ जौनपुर कोर्ट (Jaunpur Court) में तीन केस चल रहे हैं। इनमें से एक केस दहेज प्रथा और मारपीट का है, जिस पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2025 को होनी है। अतुल मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और उनके ससुराल वाले मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले थे। इस केस की सुनवाई जौनपुर फैमिली कोर्ट में चल रही थी। अतुल ने अपने आरोप में कहा था कि जज रीता कौशिक ने उनसे मामले को निपटाने के लिए 5 लाख रुपये भी मांगे थे।