Home उत्तर प्रदेश पंजीयन में नियम हो रहे तार-तार, बिना जांच के हो रहा काम

पंजीयन में नियम हो रहे तार-तार, बिना जांच के हो रहा काम

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लखनऊः आर्टिक्युलेटेड व्हीकल (Articulated Vehicle) के पंजीयन में बड़ी लापरवाही की जा रही है। पंजीयन अधिकारी (ARTO प्रशासन) बगैर जांच-पड़ताल ऐसे वाहनों का पंजीयन धड़ल्ले से कर रहे हैं। ऐसे वाहनों के पंजीयन में नियमों को पूरी तरह से दरकिनार किया जा रहा है।

Articulated Vehicle: मोटे सुविधा शुल्क की आड़ में धड़ल्ले से हो रहा पंजीयन

पंजीयन अधिकारी न तो पोर्टल पर ब्यौरा दर्ज होने की जांच कर रहे हैं और न ही उपलब्ध कराए जा रहे प्रपत्रों की जांच कर रहे हैं। दरअसल, एमवी एक्ट के नियम के तहत ट्रेलर, सेमी ट्रेलर समेत सभी वाहन का ब्यौरा इसके निर्माता द्वारा ही वाहन पोर्टल (जिसे वाहन होमोलोगेशन पोर्टल भी कहा जाता है) पर फीड करना अनिवार्य है। इस नियम के अनुसार जिस वाहन का ब्यौरा वाहन पोर्टल पर फीड नहीं होगा, उसका पंजीयन स्थायी व टेम्परेरी दोनों दशा में नहीं हो सकता है। ऐसे में वाहन चाहे घोड़ा ट्रक हो या ट्रेलर-सेमी ट्रेलर। यदि कोई भी वाहन किसी दूसरे प्रदेश के निर्माता या उसके अधिकृत डीलर से ख़रीदा गया है तो उसका पंजीयन तब तक नहीं हो सकता है, जब तक इसका टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन न हुआ हो।

ट्रेलर-सेमी ट्रेलर या अन्य कोई भी वाहन हो, इस पर चेसिस नंबर स्थायी रूप से खुदा होना अनिवार्य है और इसके बगैर वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है। सेमी ट्रेलर वाहन भी अन्य वाहनों की तरह एक पूर्ण वाहन है। इस पर भी वही नियम लागू होते हैं, जो अन्य वाहनों पर। ऐसे में इस वाहन का पंजीयन अकेले भी हो सकता है और किसी घोड़े के साथ संयुक्त रूप से भी हो सकता है। नियमतः संयुक्त रूप से सिर्फ वही ट्रेलर पंजीकृत हो सकता है, जिसका पंजीयन अकेले भी हो सकता है। संयुक्त पंजीयन की दशा में घोड़े के विवरण के साथ ही उक्त ट्रेलर का विवरण भी पोर्टल भरा जाना अनिवार्य है। हालांकि, पंजीयन अधिकारियों द्वारा वाहन के संयुक्त पंजीयन में न तो ट्रेलर का टाइप अप्रूवल देखा जा रहा है और न ही उक्त वाहन का पोर्टल पर टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन, चेसिस नंबर अंकित होने का डेटा देखा जा रहा है।

Articulated Vehicle: न तो पोर्टल पर दर्ज ब्यौरा देख रहे और न ही प्रपत्रों की कर रहे जांच

सूत्रों की मानें तो संयुक्त पंजीयन में आर्टिक्युलेटेड वाहन के सेमी ट्रेलर का ब्यौरा पोर्टल पर भरा ही नहीं जा रहा है। ट्रेलर का ब्यौरा पोर्टल पर भरे बिना यह पता चलना असंभव है कि किस चेसिस नंबर के घोड़े के साथ किस चेसिस नंबर का ट्रेलर पंजीकृत हुआ है। इसके परिणामस्वरूप लोकल मेड सेमी ट्रेलर भी इस प्रकार सड़कों पर संचालित पाए जा रहे हैं। डीलर द्वारा बेचे गए किसी वाहन के फार्म 21 पर सिर्फ घोड़े या ट्रेलर का जीवीडब्ल्यू ही लिखा जा सकता है।

हालांकि, इनके द्वारा घोड़े और ट्रेलर के फार्म 21 में दोनों का संयुक्त भार 55 टन लिखा जा रहा है। ऐसे में वाहन स्वामी इसके आधार पर संयुक्त वाहन का पंजीयन इतने ही वजन के साथ करने की मांग करते हैं, जबकि यह संयुक्त वजन दोनों वाहनों के टाइप अप्रूवल के अनुसार दोनों के जीवीडब्ल्यू जोड़कर आरसी में दर्ज करने का कार्य पंजीयन अधिकारियों का है। पंजीयन अधिकारियों द्वारा मोटे सुविधा शुल्क की आड़ में इस मौलिक विसंगति को देखा ही नहीं जा रहा है। इसको दरकिनार करते हुए मनमाने वजन के साथ पंजीयन किया जा रहा है। इसी प्रकार सेमी ट्रेलर वाहन के सापेक्ष निर्माता द्वारा जारी फार्म 22 निर्धारित प्रारूप में होना अनिवार्य है। अधिकांश पंजीयन अधिकारी इसको भी दरकिनार करते हुए आंख बंद कर पंजीयन कर रहे हैं।

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यह नियम 14, 18 या 22 पहियों वाले वाहनों समेत सभी प्रकार के आर्टिक्युलेटेड वाहन पर समान रूप से लागू हैं। ये सभी नियम भी पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है, लेकिन इन नियमों का खुला उल्लंघन पंजीयन अधिकारी कर रहे हैं। मैनपुरी व औरैया जनपद में उक्त वाहनों के पंजीयन में यह बड़ी लापरवाही बड़े ही तन्मयता से की जा रही है। परिवहन विभाग मुख्यालय से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय तक सब कुछ जानते हुए भी कोई भी अफसर इस बड़ी लापरवाही को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

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