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दुनिया का सपना-बच्चों का दर्द हो अपना

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बाल दिवस केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अधिकांश देशों में मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है लेकिन बच्चों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिवस हमें बच्चों के अधिकारों की वकालत करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है। वर्ष 2022 के लिए विश्व बाल दिवस की थीम- ‘इंक्लूजन, फॉर एवरी चिल्ड्रन’ है। इसका उद्देश्य बच्चों को बेहतर भविष्य और अधिक समान एवं समावेशी दुनिया के लिए सशक्त बनाना है। वैश्विक स्तर पर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करना, उनकी समस्याओं को हल करना, उनके कल्याण के लिए काम करना तथा अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना है। बाल दिवस दुनियाभर के 191 देशों में मनाया जाता है और अनेक देशों में इसे मनाने की तारीख अलग-अलग है। जनवरी से लेकर दिसंबर तक हर माह किसी न किसी देश में बाल दिवस का आयोजन होता है। वैसे तो बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत वर्ष 1925 से ही हो गई थी लेकिन वैश्विक रूप में देखें तो इसे दुनियाभर में मान्यता मिली 1953 में।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 नवंबर 1954 को ‘विश्व बाल दिवस’ मनाए जाने की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य यही था कि इस विशेष दिन के माध्यम से अलग-अलग देशों के बच्चे एक-दूसरे के साथ जुड़ सकें, जिससे उनके बीच आपसी समझ तथा एकता की भावना मजबूत हो सके। सर्वप्रथम बाल दिवस जिनेवा के इंटरनेशनल यूनियन फॉर चाइल्ड वेलफेयर के सहयोग से विश्वभर में अक्टूबर 1953 में मनाया गया था। विश्वभर में बाल दिवस मनाए जाने का विचार वीके कृष्णमेनन का था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1954 में अपनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वभर के तमाम देशों से अपील की गई थी कि वे अपनी परम्पराओं, संस्कृति तथा धर्म के अनुसार अपने लिए कोई एक ऐसा दिन सुनिश्चित करें, जो सिर्फ बच्चों को ही समर्पित हो।

दुनियाभर में इस दिवस पर लोगों को बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल मजदूरी और बाल अधिकारों के प्रति जगरूक करने का प्रयास किया जाता है। माना जाता है कि सबसे पहले बाल दिवस तुर्की में मनाया गया। आइए देखते हैं कि दुनियाभर में किन देशों द्वारा कब बाल दिवस मनाया जाता है। जनवरी के पहले शुक्रवार को बहामास में, 11 जनवरी को ट्यूनीशिया, जनवरी के दूसरे शनिवार को थाईलैंड, फरवरी के दूसरे रविवार को कुक द्वीप समूह, नाउरू, निउए, टोकेलौ तथा केमन द्वीप समूह में, 13 फरवरी को म्यांमार, मार्च के पहले रविवार को न्यूजीलैंड, 17 मार्च को बांग्लादेश, 4 अप्रैल को चीनी ताइपे, हांगकांग, 5 अप्रैल को फिलीस्तीन, 12 अप्रैल को बोलिविया तथा हैती, 23 अप्रैल को तुर्की, 30 अप्रैल को मेक्सिको, 5 मई को दक्षिण कोरिया तथा जापान, मई के दूसरे रविवार को स्पेन तथा यूके, 10 मई को मालदीव, 17 मई को नार्वे, 27 मई को नाईजीरिया, मई के आखिरी रविवार को हंगरी, 1 जून को चीन,1 जुलाई को पाकिस्तान, जुलाई के तीसरे रविवार को क्यूबा, पनामा, वेनेजुएला, 23 जुलाई को इंडोनेशिया, अगस्त के पहले रविवार को उरुग्वे, 16 अगस्त को पैराग्वे, अगस्त के तीसरे रविवार को अर्जेन्टीना तथा पेरू, 9 सितम्बर को कोस्टा रीका, 10 सितम्बर को हौण्डुरस, 14 सितम्बर को नेपाल, 20 सितम्बर को आस्ट्रिया तथा जर्मनी, 25 सितम्बर को नीदरलैंड, 1 अक्टूबर को अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला तथा श्रीलंका, अक्टूबर के पहले बुधवार को चिली, अक्टूबर के पहले शुक्रवार को सिंगापुर, 8 अक्टूबर को ईरान, 12 अक्टूबर को ब्राजील, अक्टूबर के चौथे शनिवार को मलेशिया, अक्टूबर के चौथे रविवार को ऑस्ट्रेलिया, नवंबर के पहले शनिवार को दक्षिण अफ्रीका, 14 नवंबर को भारत, 20 नवंबर को अजरबैजान, कनाडा, साइप्रस, मिस्र, इथियोपिया, फिनलैंड, फ्रांस, यूनान, आयरलैंड, इजराइल, केन्या, मैसिडोनिया, नीदरलैंड, फिलीपींस, सर्बिया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, त्रिनिदाद व टोबेगो सहित अनेक देशों में, 5 दिसंबर को सूरीनाम, 23 दिसंबर को सूडान तथा 25 दिसंबर कांगो गणराज्य, कैमरून तथा भूमध्यरेखीय गिनी में बाल दिवस का आयोजन किया जाता है।

बहरहाल, अपनी-अपनी सहूलियत के आधार पर विभिन्न देशों द्वारा अलग-अलग तारीख पर बाल दिवस मनाया जाता है। लेकिन हर जगह बाल दिवस मनाए जाने का मूल उद्देश्य यही है कि इसके जरिये लोगों को बच्चों के अधिकारों तथा सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा सके। बच्चों से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जा सके।

योगेश कुमार गोयल