ब्रसेल्सः उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध में रूसी सेना को नुकसान हो रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे हार गए हैं। नाटो के एक अधिकारी ने शीत युद्ध के बाद संगठन की सैन्य योजनाओं में बड़े बदलाव की बात कही है।
शिखर सम्मेलन में हो सकते हैं बड़े फैसले
नाटो की सैन्य समिति के प्रमुख रॉब बॉयर ने संवाददाताओं से कहा कि वह बहुत लंबा नहीं हो सकता है, लेकिन वह छोटा नहीं है। फिर भी हमें रूसियों और उनकी पलटवार करने की क्षमता को कम नहीं आंकना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और नाटो गठबंधन देशों के प्रमुख अगले सप्ताह लिथुआनिया की राजधानी विनियस में होने वाले शिखर सम्मेलन में संगठन की कार्य योजना प्रणाली में बड़े बदलाव को लागू करेंगे।
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नाटो ने बनाई नई योजना
नाटो ने परमाणु-सशस्त्र रूस के साथ सीधे टकराव से बचने की कोशिश की है। नई योजना के तहत, नाटो का लक्ष्य 30 दिनों के भीतर 300,000 सैनिकों को अपने पूर्वी हिस्से में जाने के लिए तैयार करना है। बॉयर ने कहा कि नाटो की नई योजना 17 महीने पहले यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले की उसकी सैन्य क्षमताओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि रूस की नौसेना या वायुसेना नहीं, बल्कि उसकी सेना कमजोर हुई है। बॉयर ने कहा कि रूस की 94 फीसदी सेना यूक्रेन युद्ध में लगी हुई है।
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