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अंकिता हत्याकांडः नार्को टेस्ट को लेकर आरोपियों ने कोर्ट से मांगा दस दिन का समय

देहरादूनः अंकिता हत्याकांड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। नार्को टेस्ट को लेकर हत्याकांड के आरोपियों ने पौड़ी जेल अधीक्षक के जरिए कोटद्वार के जेएम कोर्ट से दस दिन का समय मांगा है। आरोपी पुलकित, अंकित और सौरभ के नार्को टेस्ट को लेकर सोमवार को नोटिस जारी होने थे, लेकिन इससे पहले ही आरोपियों ने दस दिन का समय मांग लिया। अंकिता के हत्यारोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए एसआईटी ने शुक्रवार को न्यायालय में अर्जी दे दी थी। न्यायालय इस पर आज सुनवाई करने वाला था। अंकिता हत्याकांड में शुरुआत से ही वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग की जा रही है। पुलिस पर आरोप भी लगे हैं कि जानबूझकर वीआईपी का नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल भी इस बात को उठा चुके हैं। ऐसे में परिजनों ने कुछ दिन पहले आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। इस पर एसआईटी भी विचार करने लगी थी।

पिछले दिनों एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी. मुरुगेशन ने भी कहा था कि एसआईटी ने वीआईपी का नाम जानने के लिए नार्को टेस्ट का फैसला किया है। एडीजी मुरुगेशन ने बताया कि नार्को टेस्ट के लिए शुक्रवार को न्यायालय में अर्जी दे दी गई है। न्यायालय इस अर्जी पर दोनों पक्षों को आज सुनेगा। इसके बाद ही नार्को टेस्ट कराने या न कराने पर फैसला किया जा सकता है। पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। नार्को टेस्ट की मांग के लिए उनके पास पूरे आधार हैं। बहुत से ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब पुलिस को आरोपियों से चाहिए। पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी 18 सितंबर को रिजॉर्ट से गायब हुई थी। पटवारी पुलिस ने जब मामले में तीन दिन तक हीलाहवाली की तो 21 सितंबर की रात को जांच रेगुलर पुलिस को सौंप दी गई थी। पुलिस जांच में पता चला कि 18 सितंबर की रात में ही अंकिता को धक्का देकर नहर में गिरा दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी का गठन कर दिया गया था।

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डीआईजी पी. रेणुका देवी के नेतृत्व वाली एसआईटी ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों से तीन दिनों तक पुलिस ने कस्टडी में भी पूछताछ की थी। नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी नहर किनारे वास्तव में क्या हुआ था, यह उगल सकते हैं और इस हत्याकांड से जुड़े कुछ वीआईपी के नाम बता सकते हैं। साथ ही, अंकिता के साथ कुछ गलत किया गया या नहीं, इस बात की जानकारी भी मिल सकती है। वे यह भी बता सकते हैं कि इस मामले में उनका कोई और मददगार था या नहीं और अंकिता का मोबाइल नहर में फेंक दिया गया या कहीं छुपा दिया गया है।

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