वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम और मिसाइलों के लिए पैसे चुरा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया साइबर अटैक के जरिए इस चोरी को अंजाम दे रहा है।
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने साइबर विशेषज्ञों के हवाले से यह जानकारी दी है कि उत्तर कोरिया वित्तीय संस्थानों और क्रिप्टोकरेंसी कम्पनी एवं विनिमय से करोड़ों डॉलर की चोरी कर रहा है। यह अवैध धन उसके परमाणु तथा मिसाइल कार्यक्रमों के लिए धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। विशेषज्ञों की समिति ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई के ‘साइबर क्षेत्र में सक्रिय असामाजिक तत्वों ने 2020 और मध्य 2021 के बीच उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में तीन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से पांच करोड़ डॉलर से अधिक की चोरी की है।
साइबर गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि एक अज्ञात साइबर सुरक्षा कम्पनी ने बताया कि 2021 में उत्तर कोरिया के ”साइबर क्षेत्र में सक्रिय असामाजिक तत्वों ने क्रिप्टोकरेंसी विनिमय एवं निवेश कम्पनियों में सात घुसपैठ के माध्यम से कुल 40 करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी चुराई गई है।
समिति ने बताया कि इन साइबर हमलों में ”फ़िशिंग, कोड दुरुपयोग, मैलवेयर और उन्नत ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का उपयोग किया गया। उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों की समिति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरिया के साइबर क्षेत्र में सक्रिय आसामजिक तत्वों द्वारा चुराए गए क्रिप्टोकरेंसी कोष को ”धन शोधन प्रक्रिया” से गुजारने के बाद उसका इस्तेमाल किया जाता है।
समिति ने कहा कि उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने परमाणु हथियारों तथा बैलिस्टिक मिसाइलों का आधुनिकीकरण किया है। अपने कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए साइबर हमले का इस्तेमाल किया और अपने शस्त्रागार के लिए ईरान सहित विदेशों में सामग्री एवं प्रौद्योगिकी हासिल करने की कोशिश की।