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दिल्ली आगः सभी सात मृतकों की हुई पहचान, प्रधानमंत्री ने घटना पर जताया शोक

नई दिल्ली: राजधानी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले के गोकुलपुरी में मेट्रो पिलर-12 के नीचे बसी झुग्गी बस्ती में शुक्रवार आधीरात बाद करीब 1:00 बजे लगी आग में मरने वाले सभी सातों लोगों की पहचान हो गई है। मरने वालों में दो किशोर और पांच बच्चे शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर शोक जताते हुए मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा देने की घोषणा की है।

इस हादसे में पांच नाबालिगों समेत सात लोगों की जान चली गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की 13 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग बुझाई जा सकी। इसके बाद दो झुग्गियों से बुरी तरह झुलसे हुए सात शव बरामद हुए। मरने वालों में एक ही परिवार के पांच लोगों के अलावा दो नाबालिग भाई-बहन शामिल हैं। यहां तकरीबन 60 झुग्गियां थीं। इनमें से 33 राख हो गई हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर गहरी संवेदना प्रकट की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस पर अफसोस जताया। दोपहर को मुख्यमंत्री घटनास्थल पर पहुंचे और हताहत लोगों के पीड़ित परिवारों से मिले की। मुख्यमंत्री ने मरने वाले नाबालिगों के परिवारों को पांच-पांच लाख और अन्य लोगों के परिवारों को 10-10 रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। इसके अलावा मामूली रूप से झुलसे लोगों को 20 हजार रुपये देने की घोषणा की। जिन लोगों की झुग्गियां जली हैं, उन परिवारों को तुरंत 25-25 हजार रुपये देने का ऐलान किया गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने घटना पर शोक जताया है।

पुलिस के मुताबिक हादसा देर रात करीब 1.03 बजे गोकलपुर गांव में मेट्रो पिलर नंबर-12 के नीचे हुआ। यहां करीब एक-एक हजार गज के दो प्लाट में करीब 60 झुग्गियां बसी हुई हैं। अचानक झुग्गियों में आग लग गई। देखते ही देखते दोनों प्लाट में बनी अन्य झुग्गियों तक लपटें पहुंच गईं। इससे अफरा-तफरा मच गई। शुरुआत में लोगों ने अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया। लोगों ने शोर-शराबे के बीच भागकर अपनी जान बचाई।

इस बीच एक झुग्गी में गांव फाजिलपुर, उन्नाव, यूपी निवासी रज्जन का परिवार फंस गया। दूसरी में खेड़ा गांव, उन्नाव निवासी पिंटू के दो बच्चे भी झुग्गी में फंस गए। अफरा-तफरी के बीच दमकलकर्मी आग बुझाने में जुटे रहे। बचाव कार्य के दौरान कई झुग्गियों में रखे छोटे सिलेंडर फटने लगे। तड़के करीब 4:00 बजे आग बुझ सकी। रज्जन की झुग्गी से उसके बेटे बबलू (30), रंजीत (17), बेटी रेशमा (16), बेटे सुजीत की गर्भवती पत्नी प्रियंका (22) और बबलू के बेटे अमित उर्फ शहंशाह (11) के शव निकाले गए। पिंटू के दो बच्चे दीपिका (8) और रोशन (12) जान बचाने के लिए पड़ोसी महिला की झुग्गी में घुस गए थे। मगर वह बच नहीं पाए।

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हादसे में रज्जन की पत्नी मुन्नी देवी और बेटा सुजीत मामूली रूप से झुलस गए । प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लोगों का कहना है कि रज्जन का परिवार घर में रखे सामान और 11 वर्षीय अमित को निकालने के लिए झुग्गी में गया था, लेकिन परिवार के पांच लोग अंदर फंसकर मौत के मुंह में चले गए। मगर पिंटू अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को लेकर सुरक्षित निकल गया। मगर उसकी बेटी दीपका और पुत्र रोशन पड़ोसी महिला किरण की झुग्गी में घुस गए।

पिंटू अपने दोनों बच्चों का तलाश करता रहा। आग बुझने पर दोनों बच्चों के शव देखकर वह फफक पड़ा। आग कैसे लगी, फिलहाल कारणों का पता नहीं लग सका है। पुलिस आशंका जता रही है कि शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी। क्राइम टीम के अलावा एफएसएल की टीम ने जांच शुरू कर दी है।

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