लखनऊः शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक आलमबाग में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अव्यवस्थाओं का दूसरा नाम बन गया है। लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले केंद्र पर सफाई व्यवस्था राम भरोसे है तो चिकित्सकों की कमी के चलते मरीज बिना इलाज वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं। तमाम शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार इसकी सुधि नही ले रहे हैं।
आलमबाग में स्थित इस स्वास्थ्य केंद्र पर हजारों लोगों के स्वास्थ्य के देखभाल की जिम्मेदारी है, पर यहां व्याप्त अव्यवस्थाएं मरीजों को निराश कर रही हैं। यहां की ओपीडी में रोजाना 150-200 मरीजों का आना होता है, लेकिन तमाम मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र पर वर्तमान में कुल 8 डॉक्टरों की ही तैनाती है। तमाम चिकित्सकों के पद महीनों से खाली पड़े हुए हैं, जिसकी वजह से यहां आने वाले मरीजों को समुचित इलाज नही मिल पा रहा है। इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करने वाली डॉक्टर हफ्ते में चार दिन आलमबाग स्वास्थ्य केंद्र में तो दो दिन सरोजनीनगर स्वास्थ्य केंद्र में बैठती हैं। जिसकी वजह से तमाम मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ती है। इस सीएचसी पर कम से कम 10 डॉक्टरों की नियमित तैनाती होनी चाहिए, पर कई पद महीनों से खाली पड़े हुए हैं। इसके अलावा केंद्र पर व्याप्त तमाम अव्यवस्थाएं यहां आने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ा रही हैं।
दवाओं की कमी से जूझ रहा अस्पताल
स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक तो यहां किसी प्रकार की दवाओं की कमी न होने का दावा करते हैं, लेकिन यहां पहुंची इंडिया पब्लिक खबर की टीम को तमाम मरीज बिना दवा लिए ही लौटते मिले। उनका कहना था कि दवा वितरण केंद्र पर कुछ दवाईयां तो दी गई, लेकिन अधिकतर दवाईयां बाहर से ही खरीदने को कहा गया है। ऐसे में मरीजों को निजी मेडिकल स्टोरों पर लुटना पड़ रहा है।
ठेंगे पर सफाई व्यवस्था
स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों के स्वास्थ्य देखभाल के अलावा उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की भी जिम्मेदारी होती है, पर इस स्वास्थ्य केंद्र पर स्वच्छता का जमकर माखौल उड़ाया जा रहा है। अस्पताल के सीढ़ियों के कोने पान मसालों की पीक से लाल हैं तो तमाम जगहों पर गंदगी पसरी हुई मिली। कमरों में अलमारी, मेज और बिखरी फाइलें यहां बरती जा रही लापरवाही की कहानी बयां कर रही हैं।
शौचालय में पसरी गंदगी
अस्पताल के अंदर ग्राउंड एरिया में बना शौचालय बेहद गंदा है। वाश बेसिन से पानी बहकर पूरे टॉयलट में भरा हुआ है। यही नही टॉयलट शीट भी टूटे हुई मिली। यहां मौजूद तीमारदारों ने बताया कि इस गंदे टॉयलट का इस्तेमाल करने से बेहतर है हम बाहर जाकर टॉयलट कर आएं। बताया कि यहां पर भर्ती मरीजों को मजबूरन इसी में जाना पड़ता है, जिससे बीमारी बढ़ने का भी खतरा रहता है। केंद्र में ही स्थित दूसरे टॉयलट का हाल भी बेहाल नजर आया। यहां टॉयलट के दरवाजों पर ताले लटक रहे थे, जिसकी वजह से लोगों को बाहर ही जाना पड़ता है।
नही मिल पा रहा स्वच्छ पेयजल
अस्पताल में पीने के पानी की व्यवस्था न होना एक बडी समस्या है। यहां भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि पीने का पानी लेने के लिए बाहर ही जाना पड़ता है।
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चिकित्साधिकारी की सुनिए
स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की पर्याप्त तैनाती न होने की वजह से समस्या तो है, लेकिन जितने चिकित्सक मौजूद हैं। उसमें मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। रही बात गंदगी और शौचालय में अव्यवस्था की तो इसकी जांच कर संबंधित कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एसएस रजा
चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आलमबाग