देवी अहिल्याबाई होल्कर महापीठ में स्थापित होगी मां Tuljabhavani की अखंड जोत

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Tuljabhavani: 52 सिद्ध पीठों में शामिल महाराष्ट्र के तुलजापुर मे स्थित माँ तुलजा भवानी की अखंड ज्योत सोमवार रात हरिद्वार पहुंची। अखंड जोत का भव्य स्वागत किया गया। अखिल भारतीय पाल महासभा के उपाध्यक्ष और लोक देवी अहिल्या बाई होल्कर महापीठ के पीठधीश्वर विजय सिंह पाल अपने साथियों के साथ जोत लेने के लिए गत 5 जनवरी को हरिद्वार से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुए थे। इस दौरान महाराष्ट्र से लेकर हरिद्वार तक कई स्थानों पर अखंड जोत का भव्य स्वागत किया गया।

माँ Tuljabhavani होल्कर वंशियों की कुल देवी

पीठधीश्वर विजय सिंह पाल ने बताया की माँ तुलजा भवानी होल्कर वंशियों की कुल देवी है। पूरे भारत वर्ष में 10 हजार से अधिक धार्मिक स्थलों का निर्माण और जीर्णोद्धार कर हिन्दू धर्म की पताका फहराने वाली शिव भक्त लोक माता देवी अहिल्या बाई होल्कर को भी होल्कर वंशी मां तुलजा भवानी के रूप में ही पूजते हैं, इसीलिए हरिद्वार में भी हमारे द्वारा लोक माता देवी अहिल्या बाई होल्कर महापीठ का निर्माण कराया जा रहा है, जहां मां तुलजा भवानी की अखंड जोत सदा जलती रहेगी। इस यात्रा में विपुल क्षत्रिय, पंकज पाल, सागर धापते पाटिल आदि लोग शामिल रहे।

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श्री राम ने की थी तुलजा भवानी की आराधना

मान्यता है कि रावण द्वारा सीता हरण के बाद श्री राम द्वारा युद्ध से पहले मां तुलजा भवानी की आराधना की गई थी। श्री राम की तपस्या से प्रसन्न होकर मां तुलजा भवानी ने श्री राम को दर्शन देकर विजय श्री का वरदान दिया था। तभी से माता का दूसरा नाम श्री राम वरदायनी भी पड़ा। साथ ही ये भी मान्यता है कि आधुनिक काल मे मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों से युद्ध के दौरान भी मां तुलजा भवानी की तपस्या की थी,तब भी माँ तुलजा भवानी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को साक्षात् दर्शन दे कर एक तलवार भेंट की थी। बताया जाता है कि वो तलवार वर्तमान समय इंग्लैंड के म्यूजियम में रखी हुई है।

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