लखनऊः 16 दिसंबर 2024 को केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में आयुष उपचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
चार दशकों से सेवाएं दे रहा संस्थान
केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, (सीआरआईयूएम) कुर्सी रोड लखनऊ, आयुष मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय मानकीकरण बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्यता प्राप्त उत्तर भारत का एकमात्र सरकारी आयुष (यूनानी) अस्पताल है। यूनानी चिकित्सा का यह संस्थान पिछले चार दशकों से अनुसंधान एवं रोगी देखभाल में अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहा है, तथापि यूनानी चिकित्सा सहित आयुष उपचार पद्धति ने पिछले कई शताब्दियों से मानव जाति में पाई जाने वाली विभिन्न बीमारियों के उपचार में अपनी प्रभावशीलता साबित की है।
AI पर केंद्रित रही चर्चा
इसकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन देश-विदेश में बढ़ती जा रही है, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप में, आयुष दवाओं और खाद्य उत्पादों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और चिकित्सा अनुसंधान को तेजी से प्रभावित कर रहा है, और विशेष रूप से आयुष को अनुसंधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग के उपयोग पर प्राथमिकता के आधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सीसीआरयूएम के महानिदेशक डॉ. एन. जहीर अहमद के मार्गदर्शन में इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
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जिसमें विषय विशेषज्ञों को प्रस्तुतिकरण के लिए आमंत्रित किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन निदेशक, केंद्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान, डॉ. राधा रंग राजन, निदेशक, सीडीआरआई, लखनऊ, प्रोफेसर अब्दुल कवी, प्राचार्य, राजकीय तकमील-उत-तिब कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के कुलपति प्रो. परवेज मुसरत इस कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि रहे।
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