लखनऊः चुनाव की घोषणा के साथ ही उत्तर प्रदेश में तमाम राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से नारों की बौछार होने लगी है और चुनावी वादों की झड़ी भी लगाई जा रही है। सपा, बसपा और कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों के दावों के बावजूद उत्तर प्रदेश में 300 से ज्यादा सीटें जीतकर दोबारा सरकार बनाने का दावा कर रही भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। दरअसल भाजपा को अपने मुद्दों के साथ-साथ दिल्ली और लखनऊ में बैठे चेहरे की लोकप्रियता पर पूरा भरोसा है।
इस वजह से विरोधी दलों के लगातार हमले और घेरेबंदी के बावजूद भाजपा के दिग्गज नेता लगातार पिछली बार की जीत को दोहराने का दावा कर रहे हैं। डबल इंजन के सरकार की लगातार वकालत करने वाली भाजपा विकास कार्यो के साथ-साथ हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों और एजेंडों को भी लगातार सामने रख रही है। आने वाले दिनों में भी भाजपा के स्थानीय से लेकर प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेता पार्टी की इसी खास रणनीति के आधार पर लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे। भाजपा नेता जहां एक तरफ योगी और मोदी सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताएंगे तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या, काशी और मथुरा का भी जिक्र करेंगे। कानून व्यवस्था को योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए भाजपा नेता मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करते भी नजर आएंगे।
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कोरोना काल में इन तीनों मुद्दों के सहारे मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने डिजिटल प्रचार अभियान का भी खाका तैयार कर लिया है। चुनावी अभियान से जुड़े एक भाजपा नेता ने बताया, भाजपा की कोशिश है कि मतदाताओं के हर वर्ग को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए उनकी पसंद से जुड़े मुद्दों को ही उनके सामने रखा जाए। इसलिए पार्टी ने युवा, महिलाओं, बुजुर्गों, कामगारों के साथ-साथ हिंदुत्व विचारधारा के कारण पार्टी से जुड़े वोटरों का भी खास ध्यान रखा है। जाहिर है कि बदली हुई भाजपा आज भी अपने कोर एजेंडे( अयोध्या-काशी-मथुरा) का महत्व अच्छी तरह से जानती है।
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