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जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी भू-धंसाव, क्षेत्रवासियों ने CM धामी से मांगी मदद

गोपेश्वरः चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के बाद कर्णप्रयाग क्षेत्र के निवासी भी कई स्थानों पर हो रहे भू-धंसाव को लेकर चिंतित दिख रहे है। क्षेत्रवासियों ने बुधवार को उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर समाधान खोजने की मांग की है। भापका माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी, परिवर्तन यूथ क्लब के संयोजक अरविंद चौहान, पूर्व पालिका अध्यक्ष सुभाष गैरोला, नंदादेवी राजजात समिति के महामंत्री भुवन नौटियाल का कहना है कि कर्णप्रयाग नगर के विभिन्न हिस्सों जिसमें बहुगुणा नगर, गांधी नगर, राजनगर, आईटीआई, ईडा बधाणी, अपर बाजार में भू-धंसाव और जमीन के कटाव के चलते स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। लोगों के घरों में भी दरारें आ रही हैं, जो निरंतर बढ़ रही है। लोग डर के साये में, जीवन पर मंडराते खतरे के बीच जीने को मजबूर हैं।

बहुगुणा नगर में एनएचआईडीसीएल और मंडी परिषद की ओर से की गयी कटिंग इसका कारण है, राजनगर में भी एनएचआईडीसीएल की ओर से की गयी कटिंग ही इसका कारण है। यह विडंबना है कि ऐसी गंभीर स्थिति के संदर्भ में पूर्व में भी शासन-प्रशासन को अवगत कराया जाता रहा, लेकिन संकट में घिरे लोगों को इस संकट से उबारने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि भूधंसाव और भू कटाव झेल रहे कर्णप्रयाग नगर के विभिन्न हिस्सों का तत्काल समयबद्ध भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया जाये।

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उन्होंने कहा कि ट्रीटमेंट, विस्थापन आदि का कार्य त्वरित व उचित तरीके से हो सके। इसके लिए संकट जिन की वजह से उपजा है, उन पर जिम्मेदारी से कार्रवाई की जाये। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस पर यदि एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं होती तो लोगों को आंदोलन के लिए विवश होना पडेगा। ज्ञापन देने वालों में पुष्कर रावत, पंकज डिमरी, सीता देवी, नीलम रावत, आरती चमोली, आशा डिमरी, तुला देवी बिष्ट, उमेश रतूड़ी, चंडी प्रसाद सारस्वत आदि शामिल थे।

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