जम्मू: बांग्लादेश (Bangladesh ) में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में मंगलवार को जम्मू में विभिन्न हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर विशाल रैली निकाली, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस के खिलाफ जमकर विरोध जताया। संत समुदाय, पूर्व सैनिकों और अन्य संगठनों ने मोहम्मद यूनुस की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर कड़ा रुख अपनाए।
Bangladesh में रहने वाले हिंदुओं का जीवन बना दयनीय
महामंडलेश्वर निर्मल सिंह स्वामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा, पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद समेत कई अन्य हस्तियों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। महामंडलेश्वर निर्मल सिंह स्वामी ने कहा, “बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं का जीवन दयनीय बना दिया गया है। कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों का जीना दूभर कर दिया है। हिंदुओं को घरों से खींचकर मारा जा रहा है। माताओं-बहनों के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चों को बड़ी क्रूरता से पीटा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र भी मूक-बधिर बनकर देख रहा है। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसलिए हम यह रैली निकाल रहे हैं।”
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देश भर में हो रहा विरोध प्रदर्शन
सतपाल शर्मा ने कहा, “जम्मू शहर ही नहीं, बल्कि देश के हर हिस्से में हिंदू एकजुट होकर बांग्लादेश में माहौल खराब करने वाली ताकतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते थे। जब बांग्लादेश आजाद हुआ था, तब हिंदुओं की संख्या बहुत ज्यादा थी। आज वहां बहुत कम हिंदू बचे हैं। उन्हें वहां से भगा दिया गया या फिर उनका सफाया कर दिया गया। हम इसका विरोध कर रहे हैं। हम बांग्लादेश सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि भारत चुप नहीं बैठने वाला है।”
एसपी वैद ने कहा, “बांग्लादेश के अल्पसंख्यक, चाहे हिंदू हों, सिख हों, ईसाई हों, सभी को वहां मारा जा रहा है। वे सभी वहां के निवासी हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। वहां की सरकार उन्हें बचाने में विफल रही है। अगर यह उनकी क्षमता से बाहर है, तो वहां अंतरराष्ट्रीय शांति सेना भेजी जानी चाहिए।”