मंडीः मंडी के जेल रोड पर मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर चल रहे आंदोलन के नेता गोपाल कपूर को शिमला के संजौली थाने की ओर से दो दिन के भीतर पेश होने का नोटिस भेजा गया है। शुक्रवार को होटल राजमहल मंडी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें व्हाट्सएप के जरिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की जानकारी भेजी है।
Himachal mosque dispute case: वक्फ बोर्ड को लेकर किया ये दावा
वह पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर खुलासे कर रहे हैं, लोगों को प्रदेश में वक्फ बोर्ड द्वारा की गई जमीनों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसके लिए पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया है। गोपाल कपूर ने कहा कि उन्होंने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के बारे में दस्तावेज जुटाए हैं और कई खुलासे किए हैं। उनमें कोई लिपिकीय गलती हो तो अलग बात है, लेकिन उनके अनुसार वक्फ बोर्ड ने प्रदेश में काफी जमीनें हड़पी हैं।
उनका दावा है कि वक्फ बोर्ड प्रदेश में तीसरा सबसे बड़ा जमीन हड़पने वाला बोर्ड बना हुआ है। मेरे पास जितना रिकार्ड है, उतना राजस्व विभाग के पास भी नहीं है। गोपाल कपूर ने बताया कि 13 सितंबर को मंडी में हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उनका मोबाइल जब्त कर लिया है। उन्होंने अपने मोबाइल में कई फाइलें रखी हुई थी, जिसमें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़े कई दस्तावेज थे। पुलिस ने इसकी फोरेंसिक जांच भी करवाई है। पुलिस ने एफआईआर के लिए इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया होगा।
प्रशासन और सरकार पर लगाए आरोप
उन्होंने संजौली थाना पुलिस से अनुरोध किया कि या तो उनका केस मंडी थाने में शिफ्ट किया जाए या फिर उन्हें मंडी से गिरफ्तार किया जाए। हां, अगर सरकार शिमला जाने के लिए गाड़ी का प्रबंध करे और शिमला में किसी फाइव स्टार होटल में उनके ठहरने की व्यवस्था करे तो वह आ सकते हैं, क्योंकि उनके पास किराए और खर्च के लिए भी पैसे नहीं हैं। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि जांच अधिकारी मंडी आकर उनसे यहीं पूछताछ करें। मैं किसी मित्र से कहकर उनके ठहरने, खाने और टीए डीए का प्रबंध कर दूंगा।
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उन्होंने प्रशासन और सरकार पर मंडी मस्जिद मामले में टालमटोल का रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मस्जिद वालों द्वारा खसरा नंबर 1286 पर किए गए अवैध निर्माण और कब्जे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। यह मंदिर की जमीन है। पता नहीं विभागों को इस बात का क्या डर है। नगर निगम आयुक्त के आदेश पर रोक लगाने वाली टीसीपी कोर्ट भी मामले में सिर्फ पेश हो रही है, कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
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