नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ( Delhi government ) ने धोखाधड़ी वाली वित्तीय योजनाओं को रोकने के लिए नए नियम बनाए हैं। ये नियम लोगों को झूठे वादों और उच्च रिटर्न के नाम पर लोगों का पैसा हड़पने वाली फर्जी योजनाओं से बचाने के लिए हैं। अब सरकार के पास ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करने का अधिकार होगा, जिसमें जांच और संपत्ति जब्त करना भी शामिल है।
धोखेबाजों के खिलाफ सरकार ने उठाया बड़ा कदम
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है कि “लंबे समय से लोग ऐसे झूठे वादों में फंस रहे हैं, जो उन्हें बड़ा मुनाफा देने का दावा करते हैं। लेकिन, अंत में उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। इन नए नियमों के जरिए दिल्ली सरकार ऐसे धोखेबाजों पर कड़ी नजर रखेगी। अब एजेंसियां सरकार के साथ मिलकर धोखेबाजों की पहचान, जांच और सजा दिलाने का काम करेंगी।”
नए नियमों में सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए एक सीमा तय की है, ताकि उनके काम में कोई बाधा न आए। अब किसी भी सदस्य द्वारा हर महीने 50,000 रुपये तक और एक साल में 5 लाख रुपये तक का योगदान नियमों से बाहर रहेगा।इस तरह छोटे और वास्तविक समूहों की गतिविधियां जारी रहेंगी और सरकार बड़ी जमाराशियों पर नजर रखेगी।
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पीड़ितों को मिलेगा न्याय
इस सीमा से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा और साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि उनका दुरुपयोग न हो। इन नियमों से अब सरकार को धोखाधड़ी के मामलों में जांच और संपत्ति जब्त करने के लिए विशेष एजेंसियों की नियुक्ति का अधिकार भी मिल जाएगा। इससे सरकार धोखाधड़ी का जल्द पता लगा सकेगी और पीड़ितों को उनका पैसा वापस दिला सकेगी। पहले सरकार के पास ऐसे मामलों में संपत्ति जब्त करने का अधिकार नहीं था, जिससे कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता था। इससे पीड़ितों को न्याय मिलेगा और धोखाधड़ी जड़ से खत्म हो जाएगी।
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