Chhath Puja 2024: सनातन धर्म में उत्सवों और त्योहारों की कोई कमी नहीं है। सभी त्योहारों की अपनी अलग-अगल मान्यता है। लेकिन आस्था के महापर्व छठ पूजा का विशेष धार्मिक महत्व है। इस पर्व को लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। यह व्रत विशेष रुप से संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए विधिपूर्वक रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ व्रत रखने वाले जातक को संतान की प्राप्ति होती है।
छठ महापर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरु होता है और सप्तमी तिथि को समाप्त होता है। यह पर्व 4 दिनों तक चलता है। इसमें सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। हालांकि इस बार छठ पूजा की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार छठ पूजा का पर्व किस तारीख को मनाया जाएगा?
Chhath Puja 2024: कब है छठ पूजा 2024 कब है ?
बता दें कि हर साल छठ पूजा दिवाली के छह दिन बाद मनाई जाती है। इस साल पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12:41 बजे शुरू होगी और 8 नवंबर को सुबह 12:34 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार शाम का अर्घ्य 7 नवंबर यानी गुरुवार को दिया जाएगा, जबकि सुबह का अर्घ्य अगले दिन 8 नवंबर को दिया जाएगा। अगर बिहार में दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाता है तो छठ पूजा 06 नवंबर (Chhath Puja Shubh Muhurat) को मनाई जाएगी।
Chhath Puja 2024: नहाय-खाय
नहाय-खाय कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार नहाय-खाय 5 नवंबर को होगा जबकि खरना 6 नवंबर को है। इस दिन श्रद्धालु गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं। इसके बाद सात्विक भोजन करते हैं, जिसमें चावल, दाल और लौकी की सब्जी शामिल होती है।
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का विशेष महत्व है। बिहारियों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार है। छठ पूजा का त्योहार सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। जिसमें उगते और डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। इस पर्व पर बिना कुछ खाए-पीए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।
छठ पूजा के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान
- अगर आप छठ व्रत रख रहे हैं तो सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कुछ भी न खाएं। इसके अलावा व्रती को जमीन पर सोना चाहिए।
- छठ पूजा की सामग्री को गंदे या अशुद्ध हाथों से न छुएं।
- व्रत के दौरान किसी से बहस न करें।
- व्रत रखने वाले व्यक्ति को साफ कपड़े पहनने चाहिए। तामसिक भोजन और मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पूजा के दौरान बांस की टोकरी का इस्तेमाल करना चाहिए। सूर्य देव की पूजा करते समय पूजा सामग्री टोकरी में रखकर उन्हें अर्पित की जाती है।
- छठ पूजा एकमात्र ऐसा त्योहार है जिसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, क्योंकि सनातन धर्म में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
- छठ पूजा (Chhath Puja 2024) का प्रसाद बनाने के लिए चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इसकी जगह मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का इस्तेमाल करें।
Chhath Puja Shubh Muhurat: छठ पूजा विधि
छठ पूजा के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को व्रत कथा सुननी चाहिए और भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य देने के लिए गाय के दूध का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद भगवान सूर्य को लायी गयी सभी सामग्री अर्पित करें और भगवान सूर्य की पूजा करें।
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का प्रसाद
छठ पूजा में प्रसाद के रूप में ठेकुआ, चावल के लड्डू, खीर, फल और नारियल बांटे जाते हैं। प्रसाद बांटने से सबसे पहले ये सारी चीजें छठी मैया और सूर्य देव को अर्पित की जाती हैं।
- अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का करें जप (Chhath Puja Mantra)
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ नमो भास्कराय नमः
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकंपय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर: