Delhi Air Pollution , नोएडा: देश में वायु प्रदूषण आज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गया है, खासकर गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात बच्चों के लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 4.2 मिलियन लोग समय से पहले मर जाते हैं। गर्भवती महिलाएं और उनके बच्चे प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
Delhi Air Pollution: महिलाओं के लिए बेहद हानिकारक
दरअसल सर्दियों के मौसम (नवंबर से जनवरी) में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। खासकर दिल्ली और एनसीआर में। इस दौरान धुंध और स्मॉग के कारण वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जो गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। नोएडा के सेक्टर-119 स्थित मदरलैंड अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कर्णिका तिवारी ने कहा है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है।
गर्भवती महिलाओं को क्यों है प्रदूषण से खतरा
अध्ययन के अनुसार, अधिक प्रदूषण के संपर्क में आने से समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण नवजात शिशुओं को अधिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कम वजन वाले बच्चे के जन्म का खतरा भी बढ़ जाता है। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार, प्रदूषित वातावरण में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चों का जन्म के समय वजन सामान्य से कम हो सकता है।
ये भी पढ़ें..Delhi Pollution: दिल्ली में सांस लेना हुआ दुश्वार
इसके अलावा गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण के कारण गर्भवती महिलाओं में अस्थमा जैसी समस्या हो सकती है, जिससे बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है। साथ ही, गर्भावस्था के दौरान प्रदूषण के संपर्क में आने से एडीएचडी और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का खतरा भी बढ़ सकता है।
Delhi Air Pollution and pregnant womens : कैसे करें बचाव
डॉ. कर्णिका तिवारी ने कहा कि नियमित जांच के जरिए संभावित जटिलताओं का समय रहते समाधान किया जा सकता है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को बाहर जाते समय उच्च गुणवत्ता वाले प्रदूषण मास्क पहनने की सलाह दी। घर की हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
ग्रीन टी और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन पिएं, विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।इसके अलावा घर में वायु शोधक पौधे लगाएं जो हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच, प्रदूषण से बचने के उपाय और सही जानकारी के जरिए वे अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती हैं।