कुल्लूः अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव-2024 के अवसर पर आज जिला कुल्लू के मौहल में आयोजित राजदूत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ( CM Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने विदेशी निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इस बैठक में उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, ब्रुनेई के राजदूतों तथा रूस और गुयाना के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यटन, हरित ऊर्जा, डाटा भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया।
सबसे समृद्ध राज्यों में एक बनेगा हिमाचलः सुक्खू
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के भविष्य के विजन और योजनाओं को साझा करते हुए खुशी हो रही है। राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य तथा वर्ष 2032 तक देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में मिशन मोड पर काम कर रही है। पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं को दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झीलों और जलाशयों का विकास कर रही है। हिमाचल प्रदेश रिवर राफ्टिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है और इसने ‘पैराग्लाइडिंग विश्व कप’ की सफलतापूर्वक मेजबानी की है।
तेजी से हो रहा बुनियादी ढांचे का विकास
कुल्लू की अद्भुत सुंदरता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बनखंडी में 619 करोड़ रुपये की लागत से प्राणि उद्यान सहित आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा, कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार और हर जिले में हेलीपोर्ट का निर्माण प्रगति पर है।
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स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलती है मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचली ‘अतिथि देवो भव’ की भावना में विश्वास करते हैं और अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव एक वैश्विक कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ है। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने भी इस अवसर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देता है। कुल्लू दशहरा का न केवल धार्मिक महत्व है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।
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