Monday, October 28, 2024
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Kolkata doctor rape-murder case: आंदोलन कर रहे लोगों को धमका रही पुलिस !

Kolkata doctor rape-murder case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में शामिल लोगों ने अब पुलिस पर धमकी और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पुलिस की इन कार्रवाइयों के खिलाफ कई प्रदर्शनकारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस लगातार उनके घर जाकर उन्हें धमका रही है। कुछ मामलों में तो पुलिस रात में भी उनके घर पहुंच रही है और संबंधित व्यक्ति के मौजूद न होने पर उनके परिजनों को परेशान कर रही है।

झूठे मामलों में फंसाने की धमकी

पुलिस उनके लैपटॉप या कंप्यूटर भी जब्त कर रही है और फिर पूछताछ के नाम पर उन्हें घंटों थाने में बैठा रही है। इसके बाद उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए जाते हैं और फोन में मौजूद निजी जानकारी देखने के बाद उन्हें धमकाया जाता है कि इसे सार्वजनिक किया जा सकता है। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल बारासात निवासी अरित्रा बिस्वास ने कहा, “प्रदर्शन के अगले दिन मुझे थाने बुलाया गया और घंटों वहां बैठाकर मेरा मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया। उसमें मौजूद वीडियो दिखाकर मुझे धमकाया गया और सब कुछ डिलीट कर दिया गया। यहां तक ​​कि मेरे निजी वीडियो और फोटो भी डिलीट कर दिए गए।” सौरभ डे और सोमनाथ घोष के साथ भी ऐसी ही घटनाएं हुईं। सोमनाथ ने कहा, “मुझे झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी जा रही है। अस्पताल में धमकियों की संस्कृति पर चर्चा हो रही है, लेकिन पुलिस की धमकियों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।”

मोबइल भी जब्त किए गए

कुछ वकीलों समेत कई स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस विरोध प्रदर्शन के दौरान टावर लोकेशन के आधार पर लोगों को नोटिस भेज रही है। आरजी कर इलाके के निवासी और वकील सार्थक डे कहते हैं, “14 अगस्त की घटना के बाद पुलिस ने कई लोगों को सिर्फ उनके टावर लोकेशन के आधार पर नोटिस भेजे हैं। उन्हें धमकाया गया है और उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं।”

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लगातार लोगों को परेशान कर रही पुलिस

साथ ही, एक यूट्यूबर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा और जब वह घर पर नहीं था, तो उसका लैपटॉप जब्त कर लिया। यूट्यूबर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें उसने लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी। पुलिस ने उसे धमकाते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि 14 अगस्त को क्या हुआ था और अगर कुछ गलत हुआ, तो इसके लिए वह जिम्मेदार होगा।

इन आरोपों के बीच कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने कहा, “नए कानून के तहत संज्ञेय मामलों में पुलिस आरोपियों को नोटिस भेजकर उनसे पूछताछ कर सकती है। लेकिन हमें धमकी या उत्पीड़न की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा कुछ सामने आता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।” वकील अरिजीत बेरा का कहना है कि इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की गई है और पुलिस को जवाब देना होगा।

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