Monday, October 21, 2024
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अस्पताल में ड्यूटी और चला रहे थे क्लीनिक, डीएम ने दो सरकारी डॉक्टरों को मौके पर पकड़ा

बाड़मेर: जिला कलेक्टर टीना डाबी ने गुरुवार दोपहर तीन टीमें बनाकर सरकारी डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापेमारी की। सरकारी अस्पताल में ड्यूटी के दौरान कई डॉक्टर अपने निजी क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे। कलेक्टर और उनकी टीम ने दो डॉक्टरों को मौके पर ही पकड़ लिया। इतना ही नहीं जिला अस्पताल का उपस्थिति रजिस्टर भी जब्त कर लिया।

लंबे समय से मिल रही थी शिकायतें

कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी डॉक्टरों से भी अपील की है कि वे अपनी ड्यूटी सही तरीके से करें। अस्पताल समय में इधर-उधर न घूमें। प्रशासन को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि सरकारी डॉक्टर निर्धारित समय पर अस्पताल में मरीजों को नहीं देख रहे हैं। वे अपने क्लीनिक और घरों पर ही मरीजों को देख रहे हैं। छापेमारी के दौरान कलेक्टर टीना डाबी नेहरू नगर क्षेत्र में चल रहे सद्भावना क्लीनिक पहुंचीं। यह सरकारी डॉक्टर रमेश कटारिया का क्लीनिक है। उन्होंने अपने घर पर ही क्लीनिक खोल रखा है। उस समय वे क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे।

हाजिरी रजिस्टर किए गए जब्त

कलेक्टर ने पीएमओ बीएल मंसूरिया को मोबाइल पर कॉल कर पूछा तो बाड़मेर जिला अस्पताल के उपस्थिति रजिस्टर में डॉक्टर कटारिया की उपस्थिति दर्ज मिली। दूसरी टीम एसडीएम वीरमाराम के नेतृत्व में जिला अस्पताल परिसर पहुंची। जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र चौधरी जिला अस्पताल परिसर में डॉक्टरों के लिए बने सरकारी क्वार्टर में मरीजों को देख रहे थे। जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी ड्यूटी जेल में है। मैं जेल से यहां आया हूं। एसडीएम वीरमाराम ने पीएमओ बीएल मंसूरिया को फोन कर पूछा कि जिला अस्पताल के रजिस्टर में डॉ. महेंद्र की हाजिरी है या नहीं।

तीसरी टीम का नेतृत्व कर रहे एडीएम राजेंद्र सिंह चांदावत जिला अस्पताल पहुंचे और वहां उन्होंने हाजिरी रजिस्टर जब्त करने की कार्रवाई की। कलेक्टर ने पीएमओ को जांच कर डॉ. महेंद्र चौधरी और रमेश कटारिया के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर टीना डाबी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिकायतें मिल रही थीं कि डॉक्टर सरकारी अस्पताल में सेवाएं देने की बजाय अपने क्लीनिक पर मरीजों को देख रहे हैं। हमारी टीम ने नेहरू नगर और अस्पताल परिसर में क्लीनिक की जांच की।

जांच के दिए गए निर्दश

वहां महेंद्र चौधरी नामक व्यक्ति है, उसकी ड्यूटी जेल डिस्पेंसरी में केयरटेकर के तौर पर लगाई गई है। वहां मरीज देखने के बाद वह क्लीनिक पर आ रहा था। मरीजों की संख्या भी काफी ज्यादा थी। पीएमओ को जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। एक डॉक्टर रमेश कटारिया हैं। उनकी ड्यूटी अटेंडेंस रजिस्टर में दर्ज है और वे खुद प्राइवेट अस्पताल में मरीज देख रहे थे। इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। जो भी गलत काम हो रहे थे। उनका डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को संदेश है कि हम उन पर नजर रख रहे हैं। उन्हें तय समय में सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी हैं।

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डाबी ने बताया कि पीएमओ चैंबर में अटेंडेंस रजिस्टर चेक किया तो कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के कॉलम खाली मिले। न तो अटेंडेंस दर्ज थी और न ही अनुपस्थिति। इसको लेकर पीएमओ को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। महीने में सिर्फ चार छुट्टियां मिलती हैं। इससे ज्यादा छुट्टियां मिली तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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