दुमका (Dumka): आदिवासी एकता मंच के बैनर तले रविवार को उपराजधानी दुमका में हजारों लोग सड़क पर उतर आये। आदिवासियों ने शहर के गांधी मैदान से रैली निकाली, जो पूरे शहर का भ्रमण करने के बाद गांधी मैदान पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी। रैली के माध्यम से आदिवासियों ने अपनी आवाज बुलंद की।
लोगों ने कहा कि आदिवासियों को धर्म के नाम पर बांटना बंद करें। उन्होंने कहा कि हम सभी आदिवासी भारतीय हैं। हमारे बीच जाति, धर्म और क्षेत्रवाद का जहर फैलाकर हमें एक-दूसरे से अलग न करें। रविवार को आदिवासी एकता मंच के बैनर तले संथाल समुदाय के हजारों लोगों ने आदिवासी एकता रैली निकाली। यह महारैली शहर के गांधी मैदान से शुरू होकर अंबेडकर चौक, मेन रोड होते हुए पुन: गांधी मैदान पहुंच कर एक आम सभा में तब्दील हो गयी।
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रैली में शामिल हुए हजारों लोग
इस रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवा और बुजुर्ग शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि आदिवासियों को धर्म के नाम पर बांटना बंद करें। पहले हम आदिवासी हैं, बाद में हमारा धर्म आता है। पहले अपनी धरती है, फिर कोई पार्टी है। सभी आदिवासियों जागो, हम सभी आदिवासियों की पहचान यही है कि हम भारतीय हैं। जन-जन की एक ही पुकार, हम सब आदिवासी हैं एक जैसे नारे लगाए गए। आदिवासी एकता महारैली के संयोजक डॉ सुशील मरांडी ने कहा कि 2014 के बाद से पूरे देश में जाति, धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी आदिवासी एक हैं। हमें धर्म, जाति, समाज के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। इस महारैली के माध्यम से हमलोग इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
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