Emmanuel Macron, नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली स्थित प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार देर रात में हाजिरी दी। वहां पर उन्होंने सूफियाना कव्वाली का भी आनंद लिया। वह आधा घंटा से अधिक दरगाह प्रांगण में ठहरे और उन्होंने सूफीवाद के बारे में जानकारी भी प्राप्त की। इस मौके पर दरगाह के सज्जादा-नशीनों के साथ-साथ दीगर जिम्मेदारान भी मौजूद थे।
दरगाह में हाजिरी लगाकर Macron ने दिया शांति का संदेश
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी भारत यात्रा के अंतिम पड़ाव पर दरगाह हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया पर हाजिरी देकर विश्व को शांति का संदेश देने का प्रयास किया है। इसके साथ ही यह बताने का प्रयास किया गया है कि वह सूफीवाद से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने सूफी संत हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के प्रमुख शिष्य हजरत ख्वाजा अमीर खुसरो की दरगाह की भी जियारत की।
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इस मौके पर राष्ट्रपति ने दरगाह पर मौजूद सज्जादानशीनों और अन्य लोगों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह करीब 750 साल पहले भारत में पनपे सूफीवाद से काफी प्रभावित हैं और इसके सिद्धांतों को पसंद करते हैं। दरगाह के चीफ इंचार्ज काशिफ निजामी ने बताया कि जिस समय राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दरगाह प्रांगण में आए, वहां काफी गहमागहमी थी। काफी लोग उनके स्वागत के लिए वहां पर मौजूद थे।
सूफियाना कव्वाली का भी लिया आनंद
राष्ट्रपति ने दरगाह हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया और दरगाह हजरत ख्वाजा अमीर खुसरो पर हाजिरी दी और अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। दरगाह पर राष्ट्रपति का परम्परागत तरीके से स्वागत भी किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने वहां हो रही सूफियाना कव्वाली का भी आनंद लिया और काफी समय व्यतीत किया।
ख्वाजा के दरबार में आकर वह काफी खुश नजर आए और उन्होंने राष्ट्रपति का दरगाह कमेटी और अन्य लोगों की तरफ से धन्यवाद भी व्यक्त किया। ज्ञातव्य है कि ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर भारत आने वाले कई राष्ट्राध्यक्षों ने हाजिरी दी हैं। इसमें अब ताजा और एक नया नाम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का जुड़ गया है।
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