गुवाहाटीः आश्विन मास के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि पर मंगलवार को विजयादशमी की व्यापक तैयारी की गयी। गुवाहाटी सहित राज्य के विभिन्न घाटों पर देवी प्रतिमा के विसर्जन के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई।
सिंदूर खेलने की है परंपरा
मंगलवार को विजयादशमी पर सुहागिन महिलाओं द्वारा सिन्दूर खेला खेला गया। विजयादशमी के दिन सिन्दूर खेला का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि शारदीय नवरात्रि की विजयादशमी के दिन जब मां दुर्गा विदा होती हैं तो उनके सम्मान में सिन्दूर होली खेलने की परंपरा है। सिन्दूर खेलना बंगाली समुदाय में प्रचलित है। इसे एक उत्सव के रूप में मनाते हुए मां दुर्गा की मूर्ति को विदाई दी जाती है। सिन्दूर खेलने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। पंडाल में मौजूद सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को सिन्दूर लगाया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
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विसर्जन को लेकर सख्त इंतजाम
पारंपरिक सिन्दूर खेलकर मां दुर्गा को विदाई देने के बाद दोपहर से शहर के विभिन्न घाटों पर प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया है। दोपहर बाद गुवाहाटी के पांडु घाट पर मूर्ति विसर्जन भी शुरू हो गया है। बुधवार सुबह बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इस मौके पर शहर के सभी घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। पांडु घाट पर नदी पुलिस, पश्चिम गुवाहाटी पुलिस, जालुकबारी पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, गुवाहाटी नगर निगम, चिकित्सा इकाई, सिविल सेवा रक्षा कोर को तैनात किया गया है। गया है। विसर्जन को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।
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