नई दिल्लीः राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति के रूप में एक साल पूरा कर लिया। इसके लिए राज्यसभा सांसदों और सदन के नेता पीयूष गोयल ने उन्हें बधाई दी। इस बीच शुक्रवार को जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच ‘दिल की बात’ और ‘मन की बात’ पर संक्षिप्त लेकिन दिलचस्प चर्चा हुई।
जिन सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनके विदाई समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) बोलने के लिए खड़े हुए। इस दौरान खड़गे ने कहा कि कई सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र का हाल या ‘दिल की बात’ कहने का मौका नहीं मिलता। खड़गे को टोकते हुए सभापति ने कहा कि ‘दिल की बात’ हो या ‘मन की बात’ दोनों कहने का मौका मिलना चाहिए। सभापति की बात पूरी होने से पहले ही खड़गे ने कहा कि नहीं सर, प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ करते हैं, लेकिन मैं ‘दिल की बात’ करता हूं।
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इस पर सभापति ने खड़गे से कहा कि चलो बात करते हैं ‘मन की बात दिल से, ये मीटिंग का दौर है।’ नेता प्रतिपक्ष ने सभापति को जवाब देते हुए कहा, नहीं, दिल अलग है और दिमाग अलग है। खड़गे का जवाब सुनकर सभापति मुस्कुराए और बोले, ‘कम से कम कभी तो आप मुझे अंक हासिल करने का मौका दीजिए।’ जवाब में खड़गे ने कहा, ”आप हमेशा स्कोर करते हैं, लेकिन कभी-कभी जब मणिपुर जैसे मुद्दे आते हैं, तो वे हमें आपसे थोड़ा अलग कर देते हैं। ) ज्यादा मत देखो।
सभापति ने की मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ
इससे पहले सभापति ने मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ करते हुए कहा कि खड़गे सदन के ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों और नेताओं के लिए रिटायरमेंट शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कुछ सांसद जरूर इस सदन से विदाई ले रहे हैं लेकिन कोई नेता कभी रिटायर नहीं होता। उन्होंने कहा कि हम सरकारी कर्मचारी नहीं हैं जो 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट लेकर आराम करेंगे।
खड़गे के मुताबिक, जब कोई राजनीति में आता है तो वह जीवन भर अपनी विचारधारा को जिंदा रखने की कोशिश करता है। खड़गे ने यह भी कहा कि यह मानसून सत्र का आखिरी दिन है, मेरा आपसे अनुरोध है कि आज माइक जल्दी बंद न करें। इस सदन में कई लोगों को निलंबित किया गया है, विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। खड़गे ने लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किया गया है, यह सही नहीं है, हमें लोकतंत्र की रक्षा करनी है।
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