Thursday, January 16, 2025
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गांव के विकास को लेकर सीएम ने कही ये बड़ी बात, पीएम मोदी ने भी किया लोगों को…

 

फरीदाबाद: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश की आत्मा गांवों में बसती है और हमारी अर्थव्यवस्था आज भी कृषि पर अधिक निर्भर है। इसलिए गांवों के सर्वांगीण विकास के बिना राज्य और देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री सोमवार को सूरजकुंड में आयोजित क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया और मुख्य अतिथि के तौर पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संबोधित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम यहां एक ऐसे विषय पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं, जो देश के लोकतंत्र का मूल आधार है और देश के अंतिम व्यक्ति के हितों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी गांवों का विकास हमारी प्राथमिक जरूरत है। पिछले लगभग 9 वर्षों में हमने हरियाणा में गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू कीं और उन्हें लागू करने के स्तर पर कई प्रयोग भी किए। उन्होंने कहा कि पंचायतें हमारी राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सुशासन और लोकतंत्र की ढाल हैं। हमारे देश में ‘पंच-परमेश्वर’ की मान्यता पंचायतों की न्यायप्रियता के कारण ही बनी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद ये तीन स्तर हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल आधार हैं।

इसी प्रकार, नगर पालिका और नगर परिषद जैसे स्थानीय निकाय भी देश के शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास में सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पंचायती राज संस्थाएं न केवल मजबूत हुई हैं, बल्कि अधिक शक्तियां प्राप्त कर सशक्त भी हुई हैं। इससे शहरों और गांवों के स्तर पर वहां की जरूरतों को पहचानकर और उन जरूरतों की प्राथमिकता तय करके विकास कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पढ़ी-लिखी पंचायतें खेल रही हैं।

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के गतिशील विकास के लिए पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाया गया है। इसके चलते सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को बड़ी प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां दे दी हैं। पंचायती राज संस्थाओं को 10 प्रमुख विभागों का कार्य सौंपा गया है और विकास कार्यों के लिए अनुदान राशि सीधे पंचायतों के खातों में जमा की जाती है। विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। 5 लाख रुपए तक के कार्य सीधे करवाने की शक्ति सरपंच को दी गई है।

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