इंफाल: हिंसाग्रस्त मणिपुर में हिंसा (Manipur violence) की छिटपुट घटनाएं जारी है। इसी बीच मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने और अफवाहों, वीडियो, फोटो और संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 5 जून तक बढ़ा दिया है। गृह आयुक्त एच.ज्ञान प्रकाश ने एक नई अधिसूचना जारी कर पांच जून तक इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को बढ़ा दिया है। उन्होंने अधिसूचना में कहा कि मणिपुर के पुलिस महानिदेशक ने सूचित किया है कि कुछ घरों और परिसरों में आगजनी जैसी घटनाओं की खबरें हैं। क्षेत्रों।
मणिपुर में इसलिए भड़की हिंसा
ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर भड़काऊ तस्वीरें, अभद्र भाषा और भड़काऊ वीडियो संदेश पोस्ट कर सकते हैं, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा 3 मई को बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान और उसके बाद 11 जिलों में व्यापक हिंसा (Manipur violence) भड़क उठी। दरअसल आंदोलकारी मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग का लगातार विरोध कर रहे है, जिसके बाद यह हिंसा भड़की।
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मणिपुर सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। इंटरनेट सेवा न होने के कारण मीडिया, छात्रों और व्यापारिक समुदायों के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मणिपुर सहित तमाम संगठन पुनः इंटरनेट सेवाओं बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे है।
मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्र की कोशिशें तेज
हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर (Manipur Violence) में शांति बहाली के लिए केंद्र की कोशिशें तेज हो गई है। वहीं बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीन दिन में मणिपुर की जमीनी हकीकत और हिंसाग्रस्त इलाकों में राहत शिविरों में जाकर हालातों का जायजा और देर रात एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया कि हिंसा को रोकने और लूटे गए हथियारों को वापस बरामद करने तथा हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ सख्त और तेजी से कार्रवाई की जाए।
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