लखनऊः 2000 रुपये के नोट बंद करने के भारतीय रिजर्व बैंक के एलान के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि करेन्सी व उसकी विश्व बाजार में कीमत का सम्बंध देश का हित व प्रतिष्ठा से जुड़ा होने के कारण इसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करना जनहित को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। इसीलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव व परिणाम पर समुचित अध्ययन जरूरी है। सरकार इस पर जरूर ध्यान दे।
करेन्सी व उसकी विश्व बाजार में कीमत का सम्बंध देश का हित व प्रतिष्ठा से जुड़ा होने के कारण इसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करना जनहित को सीेधे तौर पर प्रभावित करता है। इसीलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव व परिणाम पर समुचित अध्ययन जरूरी। सरकार इस पर जरूर ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) May 21, 2023
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी दो हजार रुपए के नोट को बंद करने पर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा था कि कुछ लोगों को गलती थोड़ी देर से समझ आती है। 2000 रुपए के नोट के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सज़ा देश की जनता और अर्थव्यवस्था को भुगतानी पड़ेगी। उन्होंने सरकार का सलाह देते हुए कहा था कि शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।
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उल्लेखनीय है कि 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट चलन से बाहर करना का निर्णय लिया था। इसको लेकर आरबीआई ने एडवाइडरी भी बैंकों के लिए जारी की है। दो पन्ने की एडवाइजरी में आरबीआई ने कहा कि सभी बैंकों को सलाह दी जाती कि वे 2000 के नोट किसी को ना दें। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई ने कहा है कि बैंक एक बार में एक खाताधारक के लिए 20,000 रुपये (प्रति खाताधारक 10 नोट) की सीमा तक नोटों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। 2,000 रुपये के नोट जमा करने की सुविधा 30 सितंबर तक आम जनता के लिए उपलब्ध रहेगी।
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