Wednesday, November 20, 2024
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Chhattisgarh: यहां की गुफाओं में बसी हैं श्रीराम की यादें, माता सीता ने बनाई थी रसोई

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले का सीतामढ़ी हरचौका ऐसा स्थान है जहां वनवास के दौरान भगवान श्रीराम और माता सीता के चरण छत्तीसगढ़ में पड़े थे और यह भूमि पावन भूमि बन गई। मवई नदी में माता सीता के चरण धोए।

भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान अपना शुरुआती समय यहीं बिताया था और उनके साथ माता सीता और भाई लक्ष्मण भी थे। माता सीता ने यहां रसोई बनाई और भगवान श्री राम का परिवार इस वन क्षेत्र में बस गया। भगवान श्री राम से जुड़े इस पवित्र स्थान के बारे में स्थानीय किवदंतियां पहले भी थीं, लेकिन अब इन पवित्र स्थानों को पर्यटन मानचित्र पर भी जगह मिल गई है।

रामवनगमन पर्यटन सर्किट तैयार –

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मुख्यमंत्री भूपेश की सरकार ने रामवनगमन पर्यटन सर्किट बनाने की पहल की ताकि स्थानीय श्रद्धालुओं को भी जरूरी सुविधाएं मिल सकें और देश-विदेश में बसे राम भक्त उन तक पहुंच सकें। अब यह खूबसूरत पवित्र स्थान भक्तों के लिए पूरी तरह तैयार है। इसका वैभव और इसका आध्यात्मिक महत्व अब लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध है। भगवान श्री राम और माता सीता से जुड़ी इस सुंदर पावन भूमि की गुफाओं में 17 कक्ष हैं। इस स्थान को हरचौका कहा जाता है और लोग इसे सीता की रसोई के नाम से भी जानते हैं।

दंडकारण्य में स्थित सीतामढ़ी हरचौका –

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भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास का अधिकांश समय दंडकारण्य में बीता था। वनवास काल में भगवान श्री राम जहां-जहां अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ रहे और जहां-जहां उनके चरण पड़े, वहां 75 ऐसे स्थानों की पहचान की गई है। इनमें से छत्तीसगढ़ शासन ने प्रथम 09 स्थानों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।

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पर्यटक तीर्थ के रूप में हो रहा विकास –

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राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ‘सीतामढ़ी हरचौका’ नामक स्थान से प्रारम्भ होती है। मवई नदी के तट पर स्थित सीतामढ़ी हरचौका दंडकारण्य का प्रारंभिक बिंदु है, जहां से भगवान श्रीराम वनवास काल में छत्तीसगढ़ की धरती पर आए थे। सीतामढ़ी-हरचौका के पुरातात्विक महत्व को बनाए रखने के लिए इस स्थान को पर्यटक तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। राजधानी रायपुर से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ की दूरी लगभग 400 किमी है और हरचौका सड़क मार्ग से सीधे पहुंचा जा सकता है। बैकुंठपुर रोड स्टेशन पहुंचने के लिए राजधानी रायपुर से सीधी ट्रेन उपलब्ध है।

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