मेदिनीनगरः गांवों के अंधेरे रास्तों पर खड़े कुछ पुलिसकर्मी अचानक वाहनों को रोककर तलाशी लेते हैं… फिर राहगीरों से सामान लेकर सुबह थाने से आकर ले जाने की बात करते हैं…। अगले दिन उन राहगीरों को पता चलता है कि उनके साथ धोखा हुआ है। रास्ते में वे पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि बदमाश थे।
यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि झारखंड की घटना है। यहां कुछ दिनों से बदमाश पुलिसवर्दी पहने राहगीरों को ठगते थे। इतना ही नहीं, वे पिपराटाड़ थाना में तैनात रहे पूर्व सब इंस्पेक्टर के नाम पर इन वारदातों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने इस घटना में शामिल चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके पास दो बंदूक, दो गोलियां, लूटे गए मोबाइल फोन सहित अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
गुरुवार को एसपी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक (एसपी) चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि 10 मई को पिपराटाड़ थाना क्षेत्र के केलहवा बराज के पास लूटपाट हुई थी। पीड़ित ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को नहीं दी थी। देर से सूचना के बाद भी पुलिस टीम बनाई गई और छापेमारी की गई। अमानत नदी किनारे चार बदमाशों को डकैती की योजना बनाते हुए पकड़ा गया, जबकि दो भाग निकले।
ये भी पढ़ें..पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी सहित तीन गिरफ्तार, विस्फोट में इतने लोगों की हुई थी मौत
हत्याकांड का आरोपित है शमशाद –
गिरफ्तार अपराधियों में शमशाद अंसारी, अखिलेश भुइयां उर्फ लड्डू, मुख्तार अंसारी, नवीन उर्फ मित्ररंजन सिंह शामिल हैं। शमशाद और अखिलेश जोलहाबिगहा, मुखतार बलमुआ और नवीन भुइयांकुरहा का रहने वाला है। सभी पांकी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। गिरफ्तार अपराधियों में शमशाद अंसारी पूर्व में हत्याकांड का आरोपित रहा है। अपराधी अखिलेश भुइयां आठ महीने पहले चोरी के कई कांडों में जेल गया था।
तीन वर्दी, 11 मोबाइल बरामद –
एसपी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पांकी और पिपराटाड़ के सुदूर ग्रामीण जंगली रास्तों में छोटी मोटी छिनतई की घटनाएं हो रही थीं। करीब एक सप्ताह पहले केलहवा डैम पर लूटपाट हुई थी। इस सिलसिले में मामला दर्ज है। एसपी ने बताया कि बदमाशों के पास से 12 बोर की दो देशी पिस्तौल, 12 बोर की दो गोलियां, 11 मोबाइल फोन, 3 चितकबरा वर्दी, एक पांच सेल का टॉर्च, एक चिलम भी बरामद किये गए हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)