कोलकाता: अवैध तरीके से नौकरी करने के कारण 36 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार शाम राज्य सचिवालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं साथ हूं
डीए आंदोलनकारियों पर भी बोला हमला
इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महंगाई भत्ते की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर आपको डीए ज्यादा चाहिए तो केंद्र सरकार की नौकरी ढूंढिए। उन्होंने कहा कि इस बार मैंने तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की है। उसके बाद भी लड़ रहे हैं। आज ऐसे लोगों की वजह से 36 हजार लोगों की नौकरी जा चुकी है। इतने सारे परिवार बेबस हो गए हैं इसलिए हमने खंडपीठ में याचिका दायर करने का फैसला किया है।
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ममता ने कहा, “मुझे पता चला है कि बहुत से लोग नौकरी छूटने के कारण डिप्रेशन में जा रहे हैं। किसी को तनाव लेने की जरूरत नहीं है। किसी को दुखी होने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार मानवीय मूल्यों पर चलती है। यह सरकार के साथ खड़ी है। लोग। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और आशा करते हैं कि आप लोगों के लिए अच्छा कर सकते हैं।’
हाईकोर्ट कई बार कह चुका है कि महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों का अधिकार है, लेकिन ममता ने एक बार फिर कहा कि महंगाई भत्ता अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक है. सरकार चाहेगी तो देगी, नहीं चाहेगी तो नहीं देगी। अगर मेरे पास पैसे होते तो मैं जरूर देता।
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