रांचीः रिम्स में हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत के मामले में जांच कमेटी को लेकर अभी तक प्रपोजल नहीं भेजने पर झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई। वहीं, कोर्ट ने चेतावनी देते हुए मौखिक रूप से कहा कि प्रपोजल नहीं भेजे जाने पर अगली सुनवाई के दौरान सरकार के विरुद्ध कड़ा आदेश पारित किया जाएगा।
अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार ने कमेटी गठन के लिए प्रपोजल को चीफ जस्टिस के पास भेजे जाने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा, जिससे कमेटी के लिए जिला जज का नाम प्रस्तावित किया जा सके। अब अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख दी है। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को सेवानिवृत्त प्रधान जिला जज अध्यक्षता में कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था।
झारखंड छात्र संघ ने दाखिल की थी जनहित याचिका –
झारखंड छात्र संघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर रिम्स में 28 मरीजों की मौत के मामले में जांच की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि 01 जून, 2018 को अस्पताल में गलत इलाज के कारण एक मरीज की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था।
डाॅक्टरों की हड़ताल से गई की 28 मरीजों की जान –
मृतक के परिजनों के प्रदर्शन के विरोध में रिम्स के डाॅक्टरों व नर्सों ने कामकाज ठप कर दिया था। इस दौरान अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तहर बंद हो गई थी। हड़ताल के दौरान करीब 35 मरीजों का ऑपरेशन टल गया था, वहीं 600 से ज्यादा मरीजों को बिना इलाज के ही रिम्स से लौटना पड़ा। इसी समय इलाज के अभाव में अस्पताल में भी 28 मरीजों की मौत हो गई थी।
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